मिर्जापुर। विश्व प्रसिद्ध उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर के बिन्ध्याचल धाम को आज से आम दर्शनार्थियों के दर्शन पूजन के लिए बंद कर दिया गया है।
ऐसा देश में कोरोना महामारी के संकट के मद्देनजर किया गया है। मां बिन्ध्यवासिनी देवी के गर्भ गृह में कपाट पर परदा लगा दिया गया है। आज यहां पहुंचे श्रध्दालु को देवी के दर्शन पूजन किए बगैर वापस लौटना पड़ा। बिन्ध्य धाम में आज सुबह स्थानीय भाजपा विधायक एवं बिन्ध्याचल धाम के तीर्थपुरोहित रत्नाकरमिश्र के नेतृत्व में बिन्ध्य पंडा समाज और पारीवाल संगठन के लोगों ने बैठक कर बिन्ध्याचल धाम को तत्काल प्रभाव से बंद करने का सर्वसम्मति से निर्णय किया।
विधायक रत्नाकरमिश्र ने बताया कि जिला प्रशासन को इस निर्णय से अवगत करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर के कपाट को बंद कर दिया गया। अब नवमी को पुनः बैठक के बाद अगला निर्णय लिया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि इस बैठक में पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज दूबे सहित सभी पदाधिकारी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि मां की आरती आदि धार्मिक कार्य पहले की तरह ही होगे। पिछले साल 2020 में वासंतिक नवरात्र मेले के दौरान मंदिर में दर्शन पूजन पर रोक लगाई गयी थी। तब पूरे देश के धार्मिक स्थलों पर दर्शन पूजन पर रोक लगायी गयी थी।
बिन्ध्याचल धाम में आज पंचमी तिथि पर अचानक पूजन पर रोक लगाने से यहां पहुंचे दर्शनार्थियों को थोड़ी परेशानी हुई। उन्हें बगैर दर्शन पूजन के वापस लौटना पड़ा। असल में इस बार नवरात्र मेले को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। कोरोना महामारी के बीच दर्शन पूजन के लिए गाईड लाईन बनी थीं। लेकिन पहले ही दिन सारे दावे और गाईड लाईन फेल हो गये थे। कमिश्नर योगेश्वरराम मिश्र खुद लाईन में लग कर एक संदेश देने का प्रयास किया। पर उनका यह प्रयास भी विफल रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुरोध पर स्थानीय पुरोहित पंडा समाज ने निर्णय लिया।
नवरात्र में बिन्ध्याचल धाम में लाखों की भीड़ लगती थी। पूरे मेला क्षेत्र में तिल रखने की जगह नहीं रहती थी। आज अजब नजारा है। पूरे मेला क्षेत्र साय साय कर रहा है। सभी अस्थायी दुकानदार अपनी दुकानें समेट कर लौट चुके हैं। वे मां बिन्ध्यवासिनी देवी से इस महामारी से लोगों को बचाने के लिए अभ्यर्थना कर रहे हैं। जान है तो जहांन है।