बाराबंकी। उत्तर प्रदेश में मऊ से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के एम्बुलेंस प्रकरण में पुलिस ने अस्पताल की संचालिका और भाजपा नेत्री अल्का राय व सहयोगी शेष नाथ रॉय को मऊ से गिरफ्तार करने के बाद आज बाराबंकी के रिमाण्ड मजिस्ट्रेट/सिविल जज सीडी एफ टी सी कोर्ट शैलेन्द्र नाथ की अदालत पर प्रस्तुत किया। कोर्ट ने दोनों को जिला कारागार भेज दिया। कोर्ट ने बचाव पक्ष की ओर से रिमाण्ड रिफ्यूज करने की दलील भी खारिजकर दी।
पंजाब में एम्बुलेंस से मुख्तार अंसारी को कोर्ट ले जाए जाने के बाद चर्चित इस मामले में पुलिस को जांच व छानबीन में पता चला कि जिस एम्बुलेंस को मुख्तारअंसारी प्रयोग करता था वह बाराबंकी के आरटीओ कार्यालयमें पंजीकृत है,इसी क्रम में एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह ने थाना कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज कराई थी।
विवेचना में पुलिस ने पाया कि एम्बुलेंस के पंजीकरण में जो आई डी लगी है वह संजीवन अस्पताल मऊ की संचालिका डॉ अल्का रॉय की है। इसके बाद विवेचक ने डॉ अलका राय सहित कई अन्य को आरोपी दर्शाया। मामले की विवेचना जारी है।
इससे पूर्व पुलिस ने एक राज नाथ यादव नामक आरोपी को भी गिरफ्तार कर जेल भेज है।इसी मामले में अब पुलिस ने डॉ अलका राय व शेष नाथ राय को पुलिस ने मऊ से गिरफ्तार कर यहाँ कोर्ट पर प्रस्तुत किया।
इस दौरान बचाव पक्ष की ओर से रणधीर सिंह ने कोर्ट से रिमाण्ड रिफ्यूज करने की मांग की और कहा कि यह नो एविडेंस मामला है। इसमें डॉ अलका रॉय की केवल वोटर आईडी की फोटोकॉपी लगी है, इसमें कोई अपराध नहीं बनता।
बचाव पक्ष का अभियोजन की ओर से विरोध किया गया। सुनवाई के बाद रिमाण्ड मजिस्ट्रेट शैलेन्द्र नाथ ने बचाव पक्ष की दलील खारिज कर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया। आरोपी शेष नाथ की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के कारण उसे अलग वाहन से कोर्ट लाया गया। न्यायालय ने कहा कि की इसे कोविड गाइडलाइंस के अनुसार रखा जाए।