नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के जयपुर गोल्डन (जेजी) अस्पताल में ऑक्सीजन गैस की कमी के कारण शुक्रवार देर रात कम से कम 20 गंभीर मरीजों की मौत हो गई। अस्पताल के सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
यह हादसा सर गंगा राम अस्पताल में 20 मरीजों की मौत के ठीक एक दिन बाद ही सामने आया है। सर गंगा राम अस्पताल में भी ऑक्सीजन गैस की कमी के कारण ही मरीजों की मौत हो गई थी।
सूत्रों ने बताया कि जेजी अस्पताल अभी भी ऑक्सीजन गैस की कमी से जूझ रहा है तथा गैस पाइपलाइन किसी भी क्षण सूख सकती है। अस्पताल ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है तथा अपनी समस्याओं को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर किया है।
रोहिणी स्थित सरोज अस्पताल ने ऑक्सीजन गैस की भारी कमी के कारण मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है। एक सूत्र ने फोन पर यूनीवार्ता से कहा कि सभी बेड पर मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा, ऑक्सीजन गैस की भारी कमी है। हम नए मरीज की भर्ती को बंद करने के लिए मजबूर हैं।
सरोज अस्पताल ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर ऑक्सीजन गैस आपूर्ति बहाल करने के संबंध में तत्काल निर्देश जारी करने की मांग की। अस्पताल के निदेशक ने एक टीवी चैनल से कहा कि हमारे पास बहुत कम ऑक्सीजन बची है। आईनॉक्स जवाब नहीं दे रहा है। हमें मरीजों को अस्पताल छोड़ने और उनसे अपनी व्यवस्था बनाने के लिए कहना पड़ सकता है।
अस्पताल में वर्तमान में 141 मरीज भर्ती हैं। स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। पंजाबी बाग स्थित महाराज अग्रसेन अस्पताल भी ऐसे ही संकट का सामना कर रहा है और यह भी दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण में गया है।
ऑक्सीजन गैस की कमी के अलावा राष्ट्रीय राजधानी में आईसीयू बेड की कमी भी परेशानी का सबब बना हुआ है। जैसा कि लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से एक भी आईसीयू बेड खाली नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारे पास केवल आठ घंटे का ही ऑक्सीजन गैस स्टॉक है।
पूरे दिल्ली में लोग जीवनरक्षक ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति तथा अस्पतालों में बेड की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी के कहर और अस्पतालों में बेड की कमी ने इस परेशानी को और बढ़ा दिया है।
दिल्ली सरकार की आधिकारिक कोविड वेबसाइट के अनुसार एलएनजेपी अस्पताल में 400 आईसीयू बेड हैं और सभी भरे हुए हैं। दोपहर 12 बजे के आंकड़ों से पता चला कि दिल्ली के अस्पतालों में केवल 29 कोरोना आईसीयू बेड और 1,735 गैर-आईसीयू बेड उपलब्ध थे। इन 29 आईसीयू खाली बेड में से, पांच एम्स ट्रॉमा सेंटर में, 10 प्रीत विहार के मेट्रो अस्पताल में, 11 मधुकर रेनबो चिल्ड्रन अस्पताल में तथा तीन मंसाराम अस्पताल, नांगलोई में उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया है कि वे दिल्ली को संकट से बाहर निकालने में मदद करें। दिल्ली में एक भी ऑक्सीजन संयंत्र नहीं है और पूरी तरह से अन्य राज्यों से आपूर्ति पर निर्भर है।