अजमेर। जैन धर्म के चौबीसवें एवं अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती आज राजस्थान के अजमेर में वैश्विक महामारी कोरोना के चलते सादगी के साथ मनाई गई।
अजमेर में भगवान महावीर के 2620वें जन्मकल्याणक मौके पर स्थानीय दिगंबर एवं श्वेतांबर समाज ने कोरोना के सरकारी नियमों की पालना करते हुए घरों में ही रहकर तपस्या, मंत्र जप, भगवान की स्तुति, रंगोली तथा घरों पर जैन ध्वज फहराकर सादगी के साथ पर्व मनाया।
कोरोना के चलते परंपरागत तरीके से निकलने वाली प्रभात फेरियां, शोभा यात्रा, अभिषेक, सामूहिक वात्सल्य भोज तथा प्रवचन जैसे सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किए गए। जैन समुदाय ने महावीर जयंती पर सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए व्हाट्सएप के जरिए परस्पर एक दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। साथ ही भगवान महावीर के सिद्धांतों अहिंसा, सत्य, त्याग, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और संयम के संदेश को जीवन में उतारने का आह्वान किया।
सजातिए बंधुओं ने संदेश में कोरोना नियमों की पालना करने के तहत मास्क लगाने, सैनेटाइज करने,सोशलडिस्टैंसिंग बनाए रखने और घर में ही रहकर भगवान महावीर की जयंती को मनाने का आह्वान कर सरकार की आवाज से आवाज मिलाई।
अजमेर में भगवान महावीर के दिगंबर एवं श्वेताम्बर अनुयायी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सोनी जी की जैन नसियां (स्वर्ण नगरी), दादाबाड़ी, नारेली के अलावा बहुत से मंदिर एवं जिनालय जहां महावीर जयंती के दिन हमेशा हर्षोल्लास का माहौल रहता है लेकिन इस बार भगवान महावीर की जयंती गतवर्ष के कोरोनाकाल की भांति इस वर्ष भी घरों में ही रहकर सादगी के साथ मनाई गई।