सबगुरु न्यूज-सिरोही। राजस्थान में कोरोना मरीजों की सांसें सरकार के नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र समेत सम्पूर्ण राज्य में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए लिखे जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन सिर्फ सरकारी चिकित्सालयों को ही उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। निजी चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों के लिए इनका उपलब्ध होना मुश्किल हो गया है।
हर किसी को सरकारी बैड उपलब्ध होना मुश्किल
कोरोना ने जिन राज्यों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है उसमें राजस्थान भी शामिल है। ऐसे में यहां पर भी सरकारी चिकित्सालय ओवरलोड हो चुके है। इसकी वजह से लोगों को निजी चिकित्सालय की ओर रुख करना पड़ रहा है। लेकिन, वहां लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। वहां खर्च भी ज्यादा है।
दूसरा राजस्थान सरकार द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को देखते हुए गंभीर मरीजों को ये उपलब्ध भी नहीं हो आया रहा है। जिससे उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधानसभा क्षेत्र में ही दर दर को भटकना पड़ रहा है।
निर्णय लिया पर असर का इंतजार
रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग को देखते हुए राज्य चिकित्सा मंत्रालय ने निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों को ये इंजेक्शन देने का निर्णय कल किया है। इसके लिए सम्बंधित जिले के मेडिकल कॉलेज के प्रधान चिकित्साधिकारी, जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और पीएमओ की एक समिति बनाई गई है।
यह समिति उपलब्धता के आधार पर निजी चिकित्सालयों के जरूरतमंद मरीजों को इसे उपलब्ध करवा सकेगी। लेकिन, इसका मापदंड क्या होगा ये कौन और कैसे तय करेगा ये भविष्य के गर्भ में है।