जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने आज राज्यपाल कलराज मिश्र को राज्य में वैश्विक महामारी कोरोना की स्थिति के बारे में अवगत तथा राज्य के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन के कोटे को और बढ़ाये जाने का केन्द्र सरकार से आग्रह किया।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राज्यपाल के समक्ष राज्य की कोरोना संक्रमण की स्थिति वर्चुअल माध्यम से रखी। इसके बाद इन बातों को ऑनलाइन ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल को भेजा गया।
इन नेताओं ने राज्यपाल को अवगत कराया कि कोरोना की दूसरी लहर चिंताजनक है। राज्य में प्रतिदिन नए रोगियों की संख्या 16 हजार से लेकर 18 हजार के बीच आ रही है, इससे प्रतिदिन होने वाली मौतों का आंकड़ा भी करीब 160 तक पहुंच गया है।
वर्तमान में पूरे देश में 37.2 प्रतिशत संक्रमण दर से राजस्थान का पहले पायदान पर पहुंच जाना चिंताजनक है। आरटीपीसीआर की जांच के पश्चात् हर तीसरा व्यक्ति संक्रमित पाया जा रहा है। ऐसी स्थिति में भाजपा कोरोना के विरूद्ध इस महायुद्ध में सकारात्मक भूमिका के साथ राज्य सरकार के साथ सहयोग के लिए कटिबद्ध है।
राज्य में कोरोना के कारण उत्पन्न हुई भयावह परिस्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को दी जा रही चिकित्सकीय सहायताओं के लिए भाजपा के इन नेताओं ने केन्द्र की मोदी सरकार का आभार प्रकट किया है, साथ ही राज्यपाल के माध्यम से केन्द्र सरकार से यह आग्रह भी किया है कि राज्य के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन के कोटे को और बढ़ाएं। भाजपा ने यह आग्रह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं अन्य मंत्रियों से भी किया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा का अभिमत है कि राज्य सरकार को कोरोना के विकराल रूप को देखते हुए अस्पतालों में बेड की संख्या, ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या, आईसीयू की संख्या, वेंटीलेटर की संख्या सहित वर्तमान में उपलब्ध चिकित्सकीय औषधियों की उपलब्धता की आपात कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए, जिसमें स्पष्टता रहे कि राज्य सरकार अपने स्तर पर नागरिकों को क्या-क्या चिकित्सकीय व्यवस्था उपलब्ध करा सकती है और किस व्यवस्था की अपेक्षा केन्द्र से रखती है।
राज्य में आज तक कुल 1 लाख 70 हजार कोरोना संक्रमित केस एक्टिव हैं। इनके इलाज के लिए सरकार को रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑॅक्सीजन व अन्य दवाइयों की कितनी आवश्यकता है और कितनी उपलब्धता है, उसकी कार्ययोजना भी तैयार करनी चाहिए। साथ ही आगामी एक महीने में इस दर से राजस्थान में कितने व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो सकते हैं, उसको आधार रखकर भी कार्ययोजना बनानी चाहिए।
प्रदेश भाजपा ने ज्ञापन में कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार ने राजस्थान महामारी अधिनियम के सेक्शन 4 के अन्तर्गत गत 21 अप्रैल को निजी चिकित्सालयों में 60 से 100 बेड वाले अस्पतालों के 40 प्रतिशत ऑक्सीजन के बेड एवं आईसीयू के बेड अधिकृत किए हैं और 100 से अधिक बेड वाले चिकित्सालयों के 50 प्रतिशत बेड एवं ऑक्सीजन बेड अधिकृत किए हैं, लेकिन इसके संचालन के लिए कोई नीति नहीं बनाई।
यहां तक की निजी चिकित्सालयों का ऑॅक्सीजन का कोटा कम कर दिया, रेमडेसिविर की सप्लाई बंद कर दी। इससे राज्य के नागरिकों का सही और पारदर्शी इलाज निजी चिकित्सालयों में नहीं हो रहा है। कई चिकित्सालय सरकारी नीति के अभाव में मनमर्जी कर रहे हैं।
भाजपा का कहना है कि, राज्य सरकार ये सुनिश्चित करें कि राज्य में जो लोग कोरोना के अलावा अन्य असाध्य रोगों से पीड़ित हैं, उनके इलाज के लिए भी समुचित व्यवस्था हो। साथ ही जो कोरोना संक्रमित नागरिक घर पर ही अपना इलाज ले रहे हैं उनकी उचित देखभाल और दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित हो।
राज्य में कई बड़े सरकारी अस्पताल हैं जो इस आपात स्थिति में कोरोना संक्रमित सैकड़ों मरीजों को भर्ती कर सकते हैं। राज्य सरकार को चाहिए कि वह इन अस्पतालों में कोरोना का इलाज शुरू करवाए।
इन नेताओं ने मांग की कि राज्य में लोगों को आपात चिकित्सकीय स्थिति में लाभ देने वाली पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना बंद है और मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में रजिस्ट्रेशन अभी चल रहे हैं, इसलिए जो पूर्व की योजनाओं के लाभार्थी थे उनको सीधे तौर पर सरकार चिरंजीवी योजना में लाभ देना शुरू करे।
उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार का दावा है कि उसके पास 22 हजार ऑक्सीजन बेड हैं और 1 लाख 14 हजार सामान्य बेड हैं, इस बारे में सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। कोरोना संक्रमण के इलाज में काम आने वाली दवाइयां जैसे रेमडेसिविर, एजिथ्रोमाइसिन, लिम्सी, जिंक सहित अन्य दवाओं की समुचित आपूर्ति के लिए रोडमैप बनाए।
भाजपा का कहना है कि प्रदेश में वर्तमान परिस्थिति में आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट 5-5 दिन में आ रही है, जिसे राज्य सरकार समयबद्ध कर 24 घण्टे में दिलवाए, राज्य में रिक्त डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के पदों पर तुरन्त प्रभाव से भर्ती भी की जाए।