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Rajasthan Exise department done historical raid in sirohi - Sabguru News
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एक बोतल शराब पकडऩे की कार्रवाई SP के निर्देश पर तो जखीरा का छूटना किसके निर्देश पर?

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एक बोतल शराब पकडऩे की कार्रवाई SP के निर्देश पर तो जखीरा का छूटना किसके निर्देश पर?
सिरोही जिले के भारजा में पकड़ा गया अवैध शराब का जखीरा।
सिरोही जिले के भारजा में पकड़ा गया अवैध शराब का जखीरा।
सिरोही जिले के भारजा में पकड़ा गया अवैध शराब का जखीरा।

सिरोही। राजस्थान सरकार ने एक नियम बना रखा है। इसके अनुसार यदि किसी भी क्षेत्र में आबकारी विभाग द्वारा आवंटित दुकान के अलावा कोई दुकान मिलती है तो उस क्षेत्र के संबंधित थानाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सिरोही के भारजा में तो अवैध शराब का जखीरा मिल गया।

इसके लिए संबंधित थानाधिकारी के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक और जिला आबकारी निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई होगी या नहीं। आबकारी विभाग के आयुक्त ने इस कार्रवाई को इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई होने का दावा किया है। तो यह मान लिया जाए कि वर्तमान पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में सिरोही पुलिस के इतिहास की सबसे बड़ी विफलता है।

सिरोही जिले के भारजा में गुजरात में तस्करी के लिए लोड हुई अवैध शराब।

सब काम एसपी के निर्देश पर फिर ये किसके निर्देश पर

जिले में पुलिस एक बोतल शराब भी पकड़ती है तो पुलिस अधीक्षक कार्यालय से आने वाले प्रेस नोट में पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर हुई कार्रवाई में लिखकर आ जाता है। लेकिन, जिले में ही मुख्य राजमार्ग से करीब पचास मीटर की दूरी पर अवैध शराब का इतना बड़ा जखीरा लगातार जमा होकर गुजरात तस्करी से पहुंच रहा था। पुलिस और आबकारी विभाग इसे पकड़ नहीं पाया ये किसके निर्देश पर हो रहा था? इसकर जवाब भी बनता है।

पहले था ये रूट

जिले में पुलिस विभाग के नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही लगातार आबूरोड क्षेत्र से शराब तस्करी के आरोप लगते रहे हैं। पिण्डवाड़ा आबू के विधायक समाराम गरासिया ने इस पर एक बार अपना विरोध भी दर्ज करवाया। उन्होंने पुलिस विभाग को निशाने पर भी लिया। सूत्रों के अनुसार फिर वो इस पर मुखर नहीं हो पाए। इससे पहले यह स्टॉक दानबोर के आसपाास के इलाकों में एकत्रित होता था।

वहां से यह छोटी गाडिय़ों में पोसीना होते हुए गुजरात में प्रवेश करता था। लेकिन, हल्ला मचने के बाद लोडिंग अनलोडिंग स्थान बदला। इसे सिरोही अहमदाबाद हाइवे से मात्र पचास से सौ मीटर की दूरी पर बनाया गया। पुलिस इसका पता नहीं लगा पाई। या यूं कहें कि पुलिस एक दो बोतल शराब पकड़कर लोगों का ध्यान आकर्षित करती रही। यहां एकत्रितकरण के बाद तो शराब मुख्य हाइवे से जिले के आबूरोड सदर और आबूरोड रीको थाना क्षेत्र से होते हुए जाने लगी।

बाहर के दलों ने की कार्रवाई

शराब की अवैध तस्करी का गोरखधंधा जिले में लम्बे समय से चलने का आरोप लगता रहा है। इसमें सिरोही पुलिस की मिलीभगत का आरोप भी लगता रहा है। इस नए लोडिंग अनलोडिंग स्थल की जानकारी मिलने पर भी मुखबिर में स्थानीय पुलिस की बजाय राज्य के आबकारी विभाग पर किया। आबकारी आयुक्तालय के निर्देश पर डूंगरपुर, अजमेर, जालोर, बांसवाड़ा आदि जिलों की आबकारी विभाग के दलों ने यहां पर रेकी की।

माल होने की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद रविवार को सुबह कार्रवाई की गई। आबकारी आयुक्त डॉ जोगाराम ने अपने प्रेसनोट में दावा किया है कि इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई बताया है। उन्होंने बताया कि 15 गाडिय़ों में लदी करीब डेढ़ करोड़ कीमत की हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ निमिज़्त 1880 कार्टन अंग्रेजी शराब बरामद किए हैं।

उन्होंने बताया कि सिरोही जिले के रोहिड़ा थाना क्षेत्र में स्वरूपगंज से आबू रोड के बीच भुजेला गांव के पास पावर हाउस के पीछे एक बाड़े में बड़ी मात्रा में अवैध शराब जमा करने की सूचना मिली थी। इस पर विभाग के अतिरिक्त जिला आबकारी अधिकारी राणा प्रताप सिंह के नेतृत्व में प्रहराधिकारी नारायण सिंह, नरेंद्र सिंह, जगदीश बिश्नोई एवं पंकज सिंह की पांच सदस्यीय टीम गठित की गई।

टीम ने मुखबिर की ओर से बताए गए स्थान पर रविवार को अलसुबह दबिश देखकर 6 ट्रक एवं 9 लग्जरी कारों में भरी पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ निर्मित विभिन्न ब्रांड की अंग्रेजी शराब की 1880 पेटियां बरामद की। इसकी राजस्थान में कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपए है। इस दौरान 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जिनके विरुद्ध आबू रोड आबकारी थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है। ज़ब्त की गई शराब में अधिकांश पर ओनली सेल इन अरुणाचल प्रदेश लिखा हुआ है। आबकारी आयुक्त ने बताया कि पहली बार एक ही स्थान पर अवैध शराब के विरुद्ध इतनी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।

उन्होंने बताया कि सरकार की मुखबिर योजना के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं और लोग अवैध शराब की पुख्ता जानकारियां विभाग को दे रहे हैं। मुखबिर योजना के तहत अवैध शराब की जानकारी टोल फ्री नम्बर 18001806436 पर दी जा सकती है। जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है और कारज़्वाई होने पर उसे आर्थिक रूप से पुरस्कृत भी किया जाता है।