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Police-bootlegers nexus: this police station of sirohi is important for bootleggers - Sabguru News
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पुलिस-तस्कर गठजोड़: ‘तस्करीनीतिक’ रूप से ‘लाइन’ क्लियरेंस के लिए क्यों जरूरी है सिरोही का ये थाना?

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पुलिस-तस्कर गठजोड़: ‘तस्करीनीतिक’ रूप से ‘लाइन’ क्लियरेंस के लिए क्यों जरूरी है सिरोही का ये थाना?
bootlegging in sirohi
सिरोही जिले का पिंडवाड़ा थाना।
सिरोही जिले का पिंडवाड़ा थाना।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही पुलिस की देखरेख में जिले में शराब तस्करी के फलने फूलने के बीच एक और जानकारी सामने आई है। ये जानकारी वाकई चौंकाने वाली है। इतना ही नहीं इस धंधे के लिए सबसे महत्वपूर्ण थाना पिंडवाड़ा थाना है।

आम तौर पर पुलिस विभाग में कोई हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल तक थाने को छोड़कर पुलिस लाइन में नहीं जाना चाहता। विभागीय सूत्रों के अनुसार ‘लाइन’ के मुनाफे को देखते हुए कई पुलिस वाले पुलिस लाइन से पिंडवाड़ा, सरूपगंज, आबूरोड, रेवदर, मंडार थाना क्षेत्रों में फील्ड में जाने को लालायित रहे। लेकिन, कुछ मामले ऐसे भी आये जिसमे महत्वपूर्ण थाना छोड़कर पुलिस लाइन में जाने का आवेदन किया गया।
सिरोही में पिंडवाड़ा सीआई ने स्वैच्छिक पुलिस लाइन में जाने का आवेदन करना ऐसा ही मामला बताया जाता है। पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष ने उनके आवेदन को स्वीकार करने में देरी दिखाए बिना ही उन्हें पुलिस लाइन में भेज भी दिया। उसके बाद वहां अभी तो कोई सीआई नहीं लगाया है।
-निलंबित हेड कॉन्स्टेबल तेजाराम को पिंडवाड़ा लगाया
विभागीय सूत्रों की मानें तो शराब तस्करी की ‘लाइन’ के बाद जिले में  अफीम और डोडा तस्करी की ‘लाइन’ पर भी काम शुरू हो गया था। पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष ने जाम्बूडी में शराब के ठेकेदार से रिश्वत लेने का वीडियो वायरल होने के बाद निलंबित किये गए हेड कॉन्स्टेबल तेजाराम को वहां तैनात कर दिया था।
तेजाराम वही हेड कॉन्स्टेबल है जिस पर निलंबित कॉन्टेसबल देवेंद्र ने पुलिस अधीक्षक का पैसों के लेनदेन का मीडिएटर होने का आरोप लगाया था।

सूत्रो के अनुसार कथित रूप से पुलिस अधीक्षक के करीबी होने के कारण तेजाराम का भी पिंडवाड़ा थाने में हस्तक्षेप इतना ज्यादा था कि कोई बदनामी का ठीकरा सिर पर फूटने से पहले ही वहां के सीआई ने थाने का मोह त्यागकर पुलिसलाइन में जाने में ही गनीमत समझी।
सूत्रो के अनुसार इसके बाद तेजाराम पद में भले कम हो लेकिन जिला कप्तान के करीब होने के कारण पिंडवाड़ा थाने में उसका हस्तक्षेप अभी भी उतना बताया जाता है।

विभागीय सूत्रों की मानें तो तेजाराम पर मेहरबानी करते हुए पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीणा के समय शुरू की गई करवाई में पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष द्वारा कई लाभ दिया गया है। ये भी जांच का विषय है। वैसे तेजाराम का दावा है कि उसका पुलिस अधीक्षक से कोई सम्बन्ध नहीं है, सिर्फ एक ही जातीय पृष्ठभूमि होने से उनका सम्बन्ध पुलिस अधीक्षक से जोड़ा जा रहा है।

-तस्करी की लाइन के लिए क्यों जरूरी पिंडवाड़ा थाना?

जिले में तस्करी की ‘लाइन’ के लिए पिंडवाड़ा थाना सबसे महत्वपूर्ण है। जैसा कि साबगुरु न्यूज ने पहले की खबरों में खुलासा किया था कि पिछले कुछ समय से जिले मवन शराब तस्करी का पाली वाला रूट लगभग बन्द से कर दिया है। अब जिले में ‘लीकर रूट’ उदयपुर होते हुए जुड़ गया है। जिसे कि ‘लाइन’ कोड वर्ड से जाना जाता है। तो इस लाइन पर आबूरोड रीको थाना, आबूरोड सदर थाना, सरूपगंज थाने के साथ पिंडवाड़ा थाना भी पड़ता है।

शराब के डूंगरपुर और उदयपुर से बेरोकटोक आवाजाही के लिए इस थाने की महत्ता अब ज्यादा है। ये जिले में उदयपुर से एंट्री पॉइंट है। उदयपुर अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब तीस किलोमीटर का इलाका इसी थाना क्षेत्र में आता है। सूत्रों के अनुसार अब जिले में डोडा और अफीम की लाइन भी शुरु करने का काम चल रहा था। ये माल मध्यप्रदेश के मंदसौर नीमच और राजस्थान के चित्तौड़गढ़ होते हुए सिरोही के रास्ते बाड़मेर से जुड़ता है।

पिंडवाड़ा थाना इसी जंक्शन पर पड़ता है। ऐसे में पिंडवाड़ा थाना नए लिकर रुट के साथ-साथ पुराने अफीम रुट का भी एंट्री पॉइंट है। इसके अलावा बिनानी सीमेन्ट होते हुए पाली को जोडने वाला स्टेट हाइवे भी इसी थाने के क्षेत्राधिकार में आता है। ऐसे में जरूरत पड़ने ओर रुट बदलना हो तो जिले के सिरोही कोतवाली, पालड़ी एम थाना और शिवगंज थाने से होकर पाली जाने की बजाय यहीं से सीधे पाली जिले में घुसे जा सकता है।