जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान विशेष रूप से वंचित वर्ग के बच्चों की देखभाल करना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है ताकि कोई भी बच्चा श्रम में न लगे।
गहलोत ने विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर आज यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास बाल श्रम को हर रूप में समाप्त करने का होना चाहिए।
इस मौके नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर हम सबको मिलकर बाल श्रम की समस्या को खत्म करने का संकल्प लेना और बच्चों को उनका बचपन जीने का भरपूर अवसर प्रदान कर जिंदगी संवारने में अहम भूमिका निभानी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि बच्चे भारत का भविष्य हैं, जिनसे श्रम करवाना अभी भी समाज में बड़ी समस्या बनी हुई है। इस अवसर पर बच्चों को शिक्षा से जोड़कर उन्हें बाल श्रम से मुक्ति दिलाएं तथा उन्हें मानसिक रूप से सशक्त बनाकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को साकार करने में भागीदार बनना चाहिए।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि बालश्रम वो अभिशाप है जो मासूम बच्चों के बचपन और सुनहरे भविष्य के सपनों को छीनकर उन्हें आजीवन मजदूर बनने के लिए विवश कर देता है। उन्होंने कहा कि इस मौके हम सबको मिलकर बालश्रम की इस कुप्रथा को जड़ से खत्म करने का संकल्प लेकर बच्चों के सुनहरे भविष्य का निर्माण करना चाहिए।