नई दिल्ली। डोमिनिका हाई कोर्ट ने पड़ोसी देश एंटीगुआ और बारबुडा से रहस्यमय परिस्थितियों में गायब होने के बाद देश में अवैध रूप से घुसने के मामले में भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की जमानत मंजूर करने से इनकार कर दिया है, जिससे मेहुल की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
डोमिनिका की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी मिली हैं। जज वायनानते एड्रिन-रॉबर्ट्स ने चोकसी को ‘फ्लाइट रिस्क’ माना है और यही वजह है कि मेहुल चोकसी की जमानत मंजूर करने से मना कर दिया है।
डोमिनिका हाईकोर्ट के जज विनांटे एड्रियन-रॉबर्ट्स ने चोकसी को ‘फ्लाइट रिस्क’ माना है। यही वजह है कि उसकी जमानत मंजूर करने से इनकार कर दिया है। आरोपी चोकसी भारत में 13,500 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ऋण धोखाधड़ी मामले में भगोड़ा वांछित है और उसका डोमिनिका के साथ कोई संबंध नहीं है।
चोकसी के अधिवक्ता टीम ने ‘फ्लाइट रिस्क’ के बजाय चिकित्सा आधार का हवाला देते हुए जमानत के लिए दलीलें पेश कीं। अदालत का यह आदेश डोमिनिका के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट द्वारा हाल ही में चोकसी को भारतीय नागरिक करार दिए जाने के बाद आया है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि स्केरिट ने कहा था कि अदालत तय करेगी कि चोकसी के साथ क्या होगा और अदालत कानूनी प्रक्रिया के तहत चलेगी।
रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि वर्तमान में 62 वर्षीय भगोड़े को डोमिनिकन हाई कोर्ट से भारत में तत्काल प्रत्यावर्तन से अंतरिम राहत मिली है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि चोकसी अपने भाई के साथ होटल में रहेगा, जो एक निश्चित पता नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि उसका मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि 23 जून को चोकसी के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी हुआ। वह रहस्यमय तरीके से एंटीगुआ और बारबुडा से लापता हो गया था, जहां वह भारत से भागने के बाद 2018 से नागरिकता लेकर रह रहा था। चोकसी ने हालांकि अपनी याचिका में यह आरोप लगाया कि उसका 23 मई को एंटीगुआ में अपहरण कर लिया गया और उसे डोमिनिका लाया गया, जहां उसे हिरासत में ले लिया गया था।