अजमेर। महाराणा प्रताप जयंती समारोह समिति, क्षत्रिय महासभा, भारतीय इतिहास संकलन समिति एवं राजपूत छात्रावास के संयुक्त तत्वावधान में महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर पुष्कर घाटी स्थित महाराणा प्रताप स्मारक पर भव्य पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि महाराणा प्रताप राष्ट्रीय स्वाभिमान के प्रतीक थे। वे आज भी जन जन के प्रेरणा स्रोत हैं। अजमेर नगर निगम की मेयर ब्रजलता हाड़ा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
अजमेर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेंद्र सिंह रलावता ने कहा की महाराणा प्रताप सामाजिक समरसता के प्रतीक थे। उन्होंने मेवाड़ का गौरव बनाए रखने के लिए सभी वर्गों का सहयोग प्राप्त किया। भामाशाह का निष्ठा पूर्ण सहयोग महाराणा प्रताप के जीवन में महत्वपूर्ण और निर्णायक साबित हुआ, उसी भामाशाह के वंशज के रूप में नगर सुधार न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष धर्मेश जैन ने पुष्कर घाटी स्थित महाराणा प्रताप स्मारक की स्थापना में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। यही कारण है कि आज हम इस स्मारक पर महाराणा प्रताप जयन्ती इतने भव्य रुप से मना रहे हैं।
क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष सुमेर सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी के युद्ध के माध्यम से जो परीक्षण किया उसके निर्णय के आधार पर उन्होंने अपने भावी संघर्ष की योजना तैयार की और दिवेर के युद्ध में स्पष्ट विजय प्राप्त की। उन्होंने कहा कि अजमेर में लम्बे समय तक महाराणा प्रताप के स्मारक की कमी महसूस की जा रही थी। उस कमी को पूर्व यूआईटी अध्यक्ष धर्मेश जैन ने पूरा किया। इस हेतु समाज इनका ऋणी रहेगा।
इस अवसर पर उप महापौर नीरज जैन ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी के मैदान में अपने अदभुत रण कौशल का परिचय दिया। वे न केवल शूरवीर योद्धा थे अपितु एक कुशल संगठनकर्ता भी थे।
पार्षद देवेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि महाराणा प्रताप सच्चे देशभक्त सपूत थे। यही वजह है कि आज महाराणा प्रताप के देशभर में स्मारक बने हैं व प्रतिमाएं लगी हैं। समारोह के अंत में क्षत्रिय महासभा के महासचिव करण सिंह खंगारोत ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
महाराणा प्रताप जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष धर्मेश जैन ने सभी अतिथियों को महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर भाजपा शहर अध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाड़ा, भारतीय इतिहास संकलन समिति के डॉ हरीश बेरी व जितेंद्र जोशी, भारत विकास परिषद के दिलीप पारिख, पार्षद रमेश सोनी, तुलसी सोनी, दशरथ सिंह सकराय, दशरथ सिंह तंवर, संपत जैन, कमल बाफना, पदमचंद जैन, अमित जैन आदि गणमान्यजन मौजूद थे।