नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर मौत मामले में दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को थरूर के खिलाफ आरोप तय करने की तिथि दो जुलाई निर्धारित की है। वह 17 जनवरी 2014 की रात राजधानी के एक होटल में अपने कमरे में मृत पाई गईं थीं।
इससे पहले की सुनवाई में राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने कहा था कि अगर 16 अप्रैल तक आदेश जारी नहीं किया जाता है तो एक अल्प अवधि वाली तारीख दे दी जाएगी।
इस मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष की थरूर के खिलाफ आपराधिक मामले में आरोप तय किये जाने चाहिए या नहीं तय किए जाने चाहिए, संबंधी दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
थरूर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि अभियोजन पक्ष थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत आरोप साबित करने के लिए धारा 498ए और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 113 ए को एक साथ लेकर चलना चाहता है, लेकिन उनका केस कुछ भी हो लेकिन वह यह साबित करने में असफल हुए हैं कि यह आत्महत्या का मामला है।
पाहवा ने कहा कि सीएफएसएल की रिपोर्ट (जिस पर अभियोजन पक्ष विश्वास नहीं करता) के अनुसार श्रीमती पुष्कर के रक्त में वह ड्रग्स नहीं मिला था जिसको लेकर कयास लगाए जा रहे थे।
सरकारी पक्ष के वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि यह कोई दुर्घटनावश मौत नहीं थी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी इसे जहर दिए जाने का मामला मानती है चाहे वह मुंह के जरिए दिया गया हो या इंजेक्शन लगाया गया हो।
अभियोजन पक्ष का यह भी कहना है कि श्रीमती पुष्कर को उनके पति शशि थरूर मानसिक तौर पर आघात पहुंचाते थे क्योंकि वह अपने पति के कथित विवाहेत्तर संबंधाें के बारे में परिचित थी। पाहवा ने दलील दी कि उनके मुवक्किल का किसी भी महिला के साथ कोई संबंध या अफेयर नहीं था।
गौरतलब है कि सुनंदा पुष्कर राजधानी के एक लक्जरी होटल में 17 जनवरी 2014 को अपने कमरे में मृत पाई गई थी। थरूर दंपती अपने आधिकारिक बंगले की मरम्मत के कारण इस हाेटल में रह रहा था।
दिल्ली पुलिस ने थरूर के खिलाफ भारतीय दंड़ संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत मामला दर्ज किया था लेकिन इस मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था।पांच जुलाई 2018 को अदालत ने उनकी जमानत मंजूर कर ली थी।