लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के दो सदस्यों को दिल्ली के जामिया से गिरफ्तार किया है।
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस गिरोह के बारे में सूचना मिली थी ये लोग मूक-बधिर छात्रों के अलावा गरीब लोगों, बच्चों व महिलाओं को नौकरी, पैसा और शादी का लालच देकर धर्मपरिवर्तन कराते हैं।
उन्होंने बताया कि एटीएस ने कल दिल्ली से जामिया नगर निवासी मुफ्ती काजी जहांगीर और मोहम्मद उमर गौतम को गिरफ्तार किया। पूछताछ पर उमर गौतम ने बताया कि उसने भी हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म कबूल किया है। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने पिछले दो साल में प्रदेश के जिलो में गैर मुस्लिम मूकबधिर, महिलाओं, बच्चों और अन्य कमजोर वर्ग के लोगों का सामूहिक धर्म परिवर्तन कराया है।
कुमार ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में उमर ने बताया है कि अभी तक अन्य धर्मों के करीब एक हजार लोगों को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कराया और उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है।
उन्होंने बताया कि उमर व उसके सहयोगियों द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए इस्लामिक दावाह सेंटर (आईडीसी) जो दिल्ली के जामिया नगर में संचालन किया जाता है। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य गैर-मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराना है।
उन्होंने बताया कि धर्मांतरण के लिए इस आईडीसी संस्था व उमर के बैंक खातों में तथा अन्य माध्यमों से बड़ी मात्रा में पैसे उपलब्ध कराए जाते हैं। इस काम के लिए विदेशों से भी फंडिंग कराई जाती है और इसकी जांच कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि उमर के बहुत से सहयोगी हैं जिनमें मुफ्ती काजी जहांगीर भी है जो उसी के साथ ही गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि मुफ्ती काजी धर्मांतरण से संबंधित प्रमाण-पत्र और विवाह के प्रमाण-पत्र गैर कानूनी ढंग से तैयार कराता है। जांच में यह तथ्य भी सामने आये हैं कि इन लोगों के संबंध पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुडे होने की आशंका हैं और विदेशों से इन लोगों को फंडिंग की जाती है।
एडीजी कुमार ने बताया कि पुलिस को जांच में पता चला है, कि इन लोगों के द्वारा नोएडा डेफ सोसायटी, नोएडा सेंटर, सेक्टर 117, में जो मूक-बधिरों का रेजिडेंशियल स्कूल है । इन लोगों ने अभी तक मूक-बधिरों 18 बच्चों का धन एवं शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराया है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में बच्चों के माता-पिता को कुछ भी पता नहीं है। उन्होंने बताया कि बच्चों के माता-पिता बताते हैं कि पहले उनके बच्चे गायब हो गए। जब बच्चों ने किसी तरह वीडियो कॉल किया तब उन्हें जानकारी हो सकी कि उनके बच्चे का धर्म परिवर्तन करा दिया है।
उन्होंने बताया कि आरोपी आसानी से उपलब्ध गरीब परिवारों, बेरोजगार लड़के-लड़कियां, मूक-बधिर छात्र आदि को चिन्हित करते हैं और बाद में ये लोग इन लोगों के मन अपने धर्म के प्रति घृणा पैदा कर इस्लाम धर्म को श्रेष्ठ बता कर धर्म परिवर्तन कराते हैं।
ये लोग धर्म परिवर्तन कराने के लिए कई तरह का प्रलोभन देकर परिस्थिति का भय दिखाकर इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए तैयार करते है और उनके धर्मांतरण से संबंधी अभिलेखों को तैयार कर कानूनी तौर पर उसका धर्म परिवर्तन कराते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में गिरफ्तार आरोपियों को लखनऊ लाया जा रहा है।
गौरतलब है कि दो जून को गाजियाबाद के डासना मंदिर दो संदिग्ध युवकों जिन्होंने अपना नाम विजय और काशी गुप्ता बताया को पकड़ा गया था। शक होने पर जब उनका मेडिकल कराने की बात की तो उन्होंने अपना असली नाम बताया। दोनों नागपुर से आए थे। तलाशी के दौरान उनके बैग से नौ सर्जिक ब्लैड और कुछ दवा मिली थी। उनके सामान को जांच के लिए भेज दिया गया है।
अभी हाल ही में एटीएस ने अलीगढ़, मेरठ और बुलदंशहर से चार ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जो रोहिंग्याओं को भारतीय नागरिक बनाने के लिए फर्जी आधार कार्ड और अन्य कागजात तैयार कर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित करा रहे थे।