शिमला। बालीवुड के जाने माने अभिनेता अनुपम खेर ने कहा है कि उनकी नेता बनने की चाह नहीं मैं अभिनेता ही ठीक हूं। उन्होंने बताया कि जो भी आदमी मतदान करता है वह राजनीतिक होता है।
अनुपम आजकल अपनी माता के साथ गर्मियों की छुट्टियां मनाने यहां आए हुए हैं। वह पर्वतों की रानी में घूमकर अपनी पुरानी यादों को ताजा कर रहे हैं। अपने स्कूल डीएवी लक्कड़ बाजार से लेकर सेना के जवानों से अचानक अनुपम खेर मिलने पहुंच गए।
घूमते-घूमते बीते शनिवार के दिन अनुपम खेर शिमला रेडियो स्टेशन पहुंच गए और वहां पर उदघोषक बन गए। अनुपम खेर ने इस दौरान 1974 के अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए एक किस्सा शेयर किया। जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें किस तरह से आकाशवाणी ने रिजेक्ट किया था।
अनुपम ने अपना दसवीं में फेल होने का किस्सा भी शेयर किया। जिसको फिल्म दिल वाले दुल्हनिया में भी रखा गया है। उनके पिता अचानक उन्हें मॉल रोड़ के अल्फा रेस्तरां में ले गए और उनकी मनपंसद की चीजें खिलाई। जब पिता से अनुपम खेर ने पूछा कि ये पार्टी किस खुशी में है तो पिता ने बताया कि तू दसवीं में फेल हो गया है। वह उनके लिए बहुत बड़ा सबक था क्योंकि आदमी अपनी असफलताओं से ही सीखता है।
उन्होंने शिमला के बदलते स्वरूप और भीड़भाड़ को लेकर चिंता जाहिर की। स्कूल के दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि वह पढ़ाई में उतने अच्छे नहीं थे। उनको स्कूल में काफी डंडे पड़ते थे।