नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत एवं जापान के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित रणनीतिक साझेदारी को कोविड पश्चात विश्व में स्थिरता और समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है।
मोदी ने जापान के सहयोग से अहमदाबाद में निर्मित जेन उद्यान और काइजन अकादमी का वीडियो लिंक के माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत और जापान जितना बाहरी प्रगति और उन्नति के लिए समर्पित रहे हैं, उतना ही आंतरिक शांति और प्रगति को भी हमने महत्व दिया है।
उन्होंने कहा कि जापानी ज़ेन उद्यान, शांति की इसी खोज और इसी सादगी की एक सुंदर अभिव्यक्ति है। जापान में जो ‘ज़ेन’ है, वही भारत में ‘ध्यान’ है। महात्मा बुद्ध ने यही ध्यान, यही बुद्धत्व संसार को दिया था। जहाँ तक ‘काईज़ेन’ की संकल्पना है, ये वर्तमान में हमारे इरादों की मजबूती को, निरंतर आगे बढ़ने की हमारी इच्छाशक्ति का प्रतीक है।
मोदी ने कहा कि भारत और जापान के पास सदियों पुराने सांस्कृतिक सम्बन्धों का मजबूत विश्वास और भविष्य के लिए एक साझा विज़न भी है। इसी आधार पर पिछले कई वर्षों से हम अपनी विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझीदारी को लगातार मजबूत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जापान की तमाम बड़ी कंपनियां आज गुजरात में काम कर रही हैं। इनकी संख्या 135 से भी ज्यादा है। ऑटोमोबिल से लेकर बैंकिंग तक, कंस्ट्रक्शन से लेकर फार्मा तक, हर सेक्टर की जापानी कंपनी ने गुजरात में अपना बेस बनाया हुआ है। इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय में जापान-प्लस की एक विशेष व्यवस्था भी की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान के वर्तमान प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा भी बहुत सुलझे हुए व्यक्ति हैं। श्री योशिहिदे और मेरा ये विश्वास है कि कोविड महामारी के इस दौर में, भारत और जापान की दोस्ती, हमारी साझीदारी, वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए और ज्यादा प्रासंगिक हो गई है।