अजमेर। राजस्थान में अनलॉक-3 की गाइडलाइन के तहत अजमेर में विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती एवं पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर के पट आज खोल दिए गए।
वैश्विक महामारी कोरोना के चलते करीब 75 दिनों से बंद अजमेर दरहगा एवं ब्रह्मा मंदिर खुल गए जिसमें दरगाह पर सुबह पांच बजे से ही जायरीनों एवं स्थानीय अकीदतमंदों की आवक शुरू हो गई। दरगाह कमेटी की ओर से गाइडलाइन के तहत सभी इंतजाम किए गए है।
दरगाह नाजिम सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अशफाक हुसैन ने बताया कि दरगाह के मुख्य निजाम गेट के अलावा सभी पांचों प्रवेश द्वारों को खोला गया है और गाइडलाइन के अनुसार दरगाह में प्रवेश करने वाले जायरीनों का तापमान जांचने एवं सैनेटाईज करने एवं सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्रवेश दिया जा रहा है।
उन्होंने आने वाले अकीदतमंदों से अपील की है कि वे वैक्सिनेशन कराने के बाद ही दरगाह शरीफ में हाजिरी लगाने आए ताकि स्वयं भी सुरक्षित रहे और दूसरों को भी सुरक्षित रखें। अंजुमनों से जुड़े खादिमों में भी दरगाह शरीफ खुलने से हर्ष व्याप्त है लेकिन वे सरकार से दरगाह में चादर, फूल माला ले जाने की अनुमति की मांग कर रहे है।
तीर्थनगरी पुष्कर स्थित जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के भी सुबह दर्शनार्थियों के लिए पट खोल दिए गए। यहां भी बड़ी संख्या में साधु महंत एवं स्थानीय श्रद्धालुओं ने सुबह मंदिर में दर्शन कर मंगलकामनाएं की।
मंदिरों की नगरी पुष्कर के सैंकड़ों मंदिरों में सुबह से ही चहल पहल दिखाई देने लगी। यहां भी प्रबंध संभालने वाली प्रशासनिक कमेटी ने गाइडलाइन की पालना के तहत निश्चित दूरी से ब्रह्मा जी के दर्शन करने की व्यवस्था की है।