नई दिल्ली। रबड़, पेंट तथा अन्य उद्योगों में इस्तेमाल होने वाली स्टाइरिन के देश में निर्माण के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन 4,495 करोड़ रुपए की लागत से संयंत्र स्थापित करेगी।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के निदेशक मंडल ने बुधवार को इस संबंध में पहले चरण की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह देश का पहला स्टाइरिन संयंत्र होगा। इस समय इसका पूरी तरह आयात होता है।
कंपनी ने बताया कि ‘स्टाइरिन मोनोमर परियोजना’ की क्षमता 3.87 लाख टन सालाना होगी और इसके क्रियान्वयन में 4,495 करोड़ रुपए के पूँजी निवेश का अनुमान है। यह संयंत्र इंडियन ऑयल के पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल परिसर में लगाया जाएगा।
इस परियोजना में वित्त वर्ष 2026-27 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। स्टाइरिन बनाने के लिए इथिलीन कंपनी की इंडमैक्स इकाई से लिया जाएगा जबकि बेंजीन का उत्पादन पानीपत परिसर में ही होता है।
इस समय देश में हर साल करीब नौ लाख टन स्टाइरिन की खपत होती है जो पूरी तरह विदेश से मंगाई जाती है। भविष्य में मांग और बढ़ने की संभावना है। स्वदेशी संयंत्र में उत्पादन शुरू होने से 50 करोड़ डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत हो सकेगी।
स्टाइरिन का उत्पादन पॉली स्टाइरिन, पेंट और कोटिंग्स, असंतृप्त पॉलीस्टर रेजिन और एक्रिलोनाइट्राइल ब्यूटाडाइन स्टाइरिन तथा स्टाइरिन-ब्यूटाडाइन रबड़ जैसे इलास्टोमर बनाने में किया जाता है।
इंडियन ऑयल ने बताया कि स्टाइरिन संयंत्र लगाने की मंजूरी पानीपत परिसर में उत्पादन बढ़ाने की वृहद योजना का हिस्सा है। कंपनी के निदेशक मंडल ने इस साल फरवरी में परिसर की उत्पादन क्षमता 1.5 करोड़ टन से बढ़ाकर 2.5 करोड़ टन सालाना करने और इसे लिए 32,946 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश की मंजूरी दी थी।