अगरतला। त्रिपुरा पुलिस ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) के 23 सदस्यों को बीती रात शहर के एक होटल में नजरबंद कर दिया।
होटल के सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने रात करीब एक बजे अचानक होटल पर छापा मारा और कर्मचारियों पर अंदर से दरवाजा खोलने का दबाव डाला। पुलिस शुरू में होटल के पंजीकरण रजिस्टर से अतिथि विवरण देखना चाहती थी और उसने आई-पीएसी टीम की पहचान की। होटल के कर्मचारियों ने दावा किया कि पुलिस ने रात में टीम के कुछ सदस्यों को बातचीत के लिए नीचे बुलाया लेकिन उन्होंने आने से इन्कार कर दिया।
आई-पीएसी टीम के एक सदस्य ने कहा कि बड़ी संख्या में सशस्त्र पुलिस ने रात में होटल की लॉबी पर कब्जा कर लिया और कहा कि आई-पीएसी टीम जांच पूरी होने तक होटल से बाहर नहीं जा सकती। पुलिस ने हमें दोपहर तक हिरासत में रखा और सूचित किया कि हमें केवल हवाई अड्डे जाने की अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने हमें बताया कि त्रिपुरा में हमें किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं है।
आईपीएसी की टीम राज्य में तृणमूल कांग्रेस की संभावनाओं के अध्ययन के लिए एक सप्ताह के दौरे पर चार दिन पहले यहां आई थी और उन्होंने पहले ही सत्तारूढ़ भाजपा विधायकों और नेताओं सहित प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियों के साथ बातचीत की है। आई-पीएसी की आज से आदिवासी इलाकों में अध्ययन करने की योजना थी लेकिन पुलिस ने अनौपचारिक रूप से उन्हें वहां नहीं जाने दिया।
इस घटना को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस सहित विपक्षी राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया जताई है। तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आशीष लाल सिंघा ने इस घटना की निंदा की और कहा कि मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव ने एक स्वतंत्र शोध समूह के खिलाफ इस तरह के अवैध और अलोकतांत्रिक कदम उठाकर अपनी राजनीतिक अपरिपक्वता साबित की है जिसको देखकर लगता है कि भाजपा घबरा गई है।
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस पेगासस मुद्दे और त्रिपुरा में भाजपा सरकार के अलोकतांत्रिक रवैये के विरोध में राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।