सबगुरु- शिवगंज। उपखंड क्षेत्र की कैलाशनगर ग्राम पंचायत में पूर्व सरपंच बिशनसिंह एवं ललिता कंवर के कार्यकाल के दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग सहित राज्य वित्त आयोग के तहत करवाए गए 15 कार्यो में से 6 कार्य गोचर एवं ओरण की भूमि पर करवा दिए गए।
इतना ही नहीं सरकारी नुमाइंदों की अनदेखी का आलम ये था कि गांव में कार्यस्थल पर तो नाली बनी ही नहीं थी और उसकी यूसी जारी कर दी गई।
<span;>पूर्व प्रधान अचलाराम माली की ओर से जिला परिषद में शिकायत करने के बाद की गई जांच में यह तथ्य सामने आए है कि इन दोनों सरपंचों के कार्यकाल के दौरान करीब 23 लाख 54 हजार 827 रूपए के कार्य नियम विरूद्ध गोचर एवं ओरण भूमि पर करवा दिए गए है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग सहित राज्य वित्त आयोग के प्रावधानों के अनुसार ये नियमो में नहीं आते। ऐसे में जांच के बाद दोनों सरपंचों से इन कार्यों की राशि वसूली की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।
जांच के दौरान नाली निर्माण में भी गड़बड़ी पाई गई है। कई स्थानों पर नाली का निर्माण बताया गया है जबकि मौके पर नाली निर्माण का कार्य हुआ ही नहीं है। ऐसे में इन कार्यो की यूसीसी जारी करने वाले तकनीकी अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।इन अधिकारियों को इसके लिए नोटिस जारी किए जाएंगे।
दस्तावेजों के अनुसार शिवगंज पंचायत समिति के पूर्व प्रधान अचलाराम माली ने जिला परिषद में शिकायत दर्ज करवा बताया था कि कैलाशनगर ग्राम पंचायत में पूर्व सरपंच बिशनसिंह एवं श्रीमती ललिता कंवर के कार्यकाल के दौरान विभागीय योजना के तहत प्रावधानों के विपरित गैर आबादी भूमि पर निर्माण कार्य करवाए गए है।
जिसकी जांच की जाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। पूर्व प्रधान की शिकायत पर जिला परिषद के अधिशासी अभियंता शंकरलाल राठौड की ओर से 6 जून 2021 व 29 जून 2021 को भ्रमण कर इन कार्यो की जांच की। जांच के दौरान क्षेत्र में कुल 15 में से 6 कार्य गोचर व ओरण की भूमि पर किए पाए गए। जो कि विभागीय एवं राज्य वित्त आयोग के प्रावधानों के विपरित है।
-इन स्थानों पर हुए नियम विरूद्ध कार्य
विभागीय सूत्रों के मुताबिक ग्राम पंचायत कैलाशनगर में वर्ष 13-14 में ₹1 लाख की लागत से रेबारी वास समाज धर्मशाला के सामने सीसी सडक़, वर्ष 14-15 में जबराराम हीरागर के मकान से बाबूराम हीरागर की ओर ₹5 लाख की लागत से नाली मय सीसी सडक़।
वर्ष 16-17 में प्रतापसिंह राजपूत के मकान से शंंकरलाल के मकान तक 5 लाख की लागत से नाली मय सीसी सडक़, वर्ष 17-18 में फूलाराम सुथार से मनोहरसिंह तक 5 लाख की लागत से नाली मय सीसी निर्माण, इसी वर्ष चन्द्राही माताजी मंदिर से हीरागर सामुदायिक भवन तक 4.98 लाख की लागत से नाली मय सीसी सडक़ तथा वर्ष 14-15 में नाकोडा गेट से मुख्य सडक़ तक ₹ 3.50 लाख की लागत से नाली मय सीसी सडक़ का निर्माण गोचर व ओरण की भूमि पर करवाया गया है। इन सभी कार्यो पर विभाग के वास्तविक ₹23 लाख 54 हजार 827 खर्च हुए है।
-कर्मचारियों की भी जिम्मेदारी तय होगी
जांच में यह भी सामने आया है कि इस अवधि में ग्राम पंचायत कैलाशनगर में प्रस्तावित किए गए कार्यो में सीमेंट कंकरीट सडक़ों के प्लान एवं योजनाओं की गाइडलाइन के अनुसार नाली निर्माण कार्य का प्रावधान होने के बावजूद मौके पर नाली निर्माण नहीं करवाए। इस पर पंचायतीराज विभाग के तकनीकी अधिकारी ओमप्रकाश बोहरा, अनिल माथुर तथा एके सिंह सहायक अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना प्रस्तावित है।
-इनका कहना है…
एक्सईएन के माध्यम से जांच करवाई गई थी। इसमें गोचर में काम करवाने की जानकारी सामने आई है। इसके बारे में बीडीओ को लिखेंगे और अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
भगीरथ बिश्नोई
सीईओ, जिला परिषद सिरोही।
शिकायत में बताए तथ्यों के आधार पर पटवारी व राजस्व निरीक्षक के साथ जांच की। जांच के दौरान 15 में से 6 कार्य गोचर व ओरण की भूमि पर पाए गए है। नियम विरुद्ध खर्च की गई राशि की वसूली कार्रवाई की जाएगी। समिति के तकनीकी अधिकारियों को भी कारण बताओ नोटिस जारी होगा।
शंकरलाल राठौड,
अधिशासी अभियंता, जिला परिषद सिरोही।