टोक्यो। भारत ने ग्रेट ब्रिटेन को क्वार्टरफाइनल में रविवार को 3-1 से पराजित कर 49 वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद टोक्यो ओलम्पिक की पुरुष हॉकी प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में जगह बना ली।
भारत पिछले रियो ओलम्पिक में आखिरी स्थान पर रहा था। भारत का अब सेमीफाइनल में बेल्जियम से मुकाबला होगा। भारत ने अपने डिफेंस में शानदार खेल दिखाया और ब्रिटेन को पेनल्टी कार्नर पर गोल करने से रोके रखा। भारत के लिए दिलप्रीत सिंह ने सातवें, गुरजंत सिंह ने 16वें और हार्दिक सिंह ने 57वें मिनट में गोल किए। भारत के तीनों गोल मैदानी रहे। ब्रिटेन का एकमात्र गोल सैम वार्ड ने 45वें मिनट में किया।
भारत आखिरी बार 1972 के म्यूनिख ओलम्पिक के सेमीफाइनल में पहुंचा था जहां उसे पाकिस्तान से 0-2 से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि भारत ने 1980 के मॉस्को ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीता था लेकिन तब पश्चिमी देशों के बहिष्कार के कारण हॉकी प्रतियोगिता छह टीमों की रह गयी थी और उसमें कोई सेमीफाइनल नहीं हुआ था।
हॉकी इंडिया ने भारत की इस जीत को ट्विटर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अदभुत, अद्वितीय और अविश्वसनीय बताया।
भारत ने मुकाबले में 2-0 की बढ़त बनाने के बाद तीसरे क्वार्टर के अंतिम मिनट में ब्रिटेन को एक गोल दे दिया और स्कोर 2-1 हो गया। भारत ने तीन मिनट शेष रहते 57 वें मिनट में हार्दिक सिंह के गोल से 3-1 की निर्णायक बढ़त बना ली।
इस गोल ने भारत की जीत सुनिश्चित कर दी और उसे 49 साल बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा दिया जहां अब उसके सामने बेल्जियम की चुनौती होगी। दूसरा सेमीफाइनल ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच खेला जाएगा।
भारत ने मैच के सातवें मिनट में दिलप्रीत सिंह के गोल से बढ़त बनायी। भारत ने दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में यानी 16वें मिनट गुरजंत सिंह के गोल से 2-0 की बढ़त बना ली। भारत ने आधे समय तक अपनी दो गोल की बढ़त को कायम रखा। हालांकि तीसरे क्वार्टर के अंत में उसे एक गोल का सामना करना पड़ा लेकिन आखिरी क्वार्टर में तीन मिनट शेष रहते एक और गोल कर जीत अपने नाम कर ली।