अजमेर। राजस्थान में अजमेर में आज दरगाह शरीफ लंगरखाने पर मौरूसी अमला द्वारा हजरत इमाम हुसैन की चौकी धोने की रस्म के साथ मोहर्रम का आगाज हो गया।
परंपरागत तरीके से चौकी धुलाई की रस्म को कोरोना गाइडलाइन नियमों की रोशनी में लंगरखाने से उठाकर छतरी पर लाया गया और सलाम एवं तबरुकात पेश किए गए। चौकियों का जुलूस नियमों के बंधन के चलते नहीं निकाला गया, लेकिन प्रतीक स्वरूप धार्मिक रस्म को पूरा किया गया। साथ ही इंसानियत के लिए दुआ करते हुए कोरोना महामारी से निजात दिलाने की प्रार्थना की गई।
खादिम समुदाय हरा कुर्ता धारण करके हुसैनी लिबास में डूबा नजर आया। मुस्लिम समाज के लिए यह महीना गमगीन भरा रहेगा। यही कारण है कि ख्वाजा साहब की दरगाह में भी कव्वालियों का दौर थम गया है।
अजमेर में नए साल का चांद नजर नहीं आया
अजमेर में इस्लामिक नए साल का चांद नजर नहीं आया है लिहाजा मोहर्रम की पहली तारीख अब 11 अगस्त 2021 से मानी जाएगी।
अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के अधीन हिलाल कमेटी की आज शाम हुई बैठक में कहीं से भी चांद की शहादत के समाचार नहीं मिले इसलिए 10 अगस्त को जिलहिज्जा 1442 हिजरी की 30 तारीख ही रहेगी और इस्लामिक नए साल मोहर्रम 1443 हिजरी की एक तारीख 11 अगस्त को होगी। कुल मिलाकर चांद नहीं दिखाई देने की स्थिति में मोहर्रम की धार्मिक रस्में कल से आयोजित होगी।