जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दौसा के निलंबित पुलिस अधीक्षक आईपीएस मनीष अग्रवाल और बारां कलेक्टर रह चुके आईएएस इंद्रसिंह राव को जमानत दे दी।
प्रदेश की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 23 दिसंबर 2020 को बारां में कलक्टर रहते हुए इंद्रसिंह राव को पेट्रोल पंप का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी करने के एवज में अपने पीए महावीर नागर के मार्फत 1.40 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था।
भारत माला प्रोजेक्ट के तहत दौसा में हाईवे बना रही कंपनी से 38 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में 2 फरवरी 2021 को आईपीएस मनीष अग्रवाल को जयपुर से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के वक्त वे एसडीआरएफमें कमाडेंट के पद पर थे। उन पर दौसा में एसपी रहते हुए रिश्वत लेने का आरोप है।
निलंबित आईएएस इंद्रसिंह राव और आईपीएस मनीष अग्रवाल को गिरफ्तारी के बाद हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली थी। पिछले दिनों सरकार ने घूस लेने के मामले में गिरफ्तार दोनों अफसरों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति नहीं दी थी।
इसी को आधार बनाकर दोनों अफसरों की तरफ से उनके वकीलों ने हाईकोर्ट में जमानत की याचिका लगाई थी। इस पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दोनों अफसरों को जमानत पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया गया।
इंद्रसिंह राव करीब आठ महीने बाद जेल की सलाखों से बाहर आएंगे। आईपीएस मनीष अग्रवाल छह महीने बाद जेल से बाहर आएंगे। मनीष अग्रवाल को उनकी बहन की शादी के लिए 10 दिनों की अंतरिम जमानत दी गई थी।