प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय का गेट तोड़ने के रामपुर की जिला अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है।
अधिवक्ता सफदर अली काजमी के अनुसार यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने दिया है।
काजमी के मुताबिक जौहर विश्वविद्यालय के गेट को तोड़ने का आदेश रामपुर की जिला अदालत ने गत दो अगस्त को दिया था।
रामपुर के जिला न्यायाधीश गौरव कुमार श्रीवास्तव ने जौहर विश्वविद्यालय का गेट तोड़ने के एसडीएम अदालत के आदेश को बहाल रखते हुए यूनिवर्सिटी की ओर से दाखिल अपीलों को खारिज कर दिया था।
इस मामले में आजम खां पर करीब सवा तीन करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। जिला न्यायालय ने जुर्माना घटाकर 1.63 करोड़ रुपये कर दिया था। जुर्माने की राशि की वसूली के लिए पिछले दिनों आजम खां के घर पर नोटिस भी चस्पा किया गया था।
जौहर विश्वविद्यालय के मुख्य गेट को तोड़े जाने का मामला करीब दो साल से जिला न्यायालय में विचाराधीन था। एसडीएम सदर ने 25 जुलाई 2019 को विश्वविद्यालय के मुख्य गेट को अवैध मानते हुए इसे तोड़ने का आदेश किया था। इसके बाद सपा सांसद आजम खां की ओर से उच्च न्यायालय की शरण ली गई थी।
उच्च न्यायालय ने इस मामले में दाखिल याचिका को खारिज करते हुए जिला न्यायालय जाने की छूट दी थी। इसके बाद से मामला जिला न्यायालय में चल रहा था।