नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को करारा झटका देते हुए दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण को लेकर अंतरिम राहत प्रदान करने से सोमवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने देशमुख को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। हालांकि, न्यायालय ने उन्हें आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत राहत के लिए उपयुक्त मंच तक जाने की अनुमति दे दी। देशमुख ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की याचिका दाखिल की थी।
देशमुख ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धनशोधन निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज आपराधिक मामले में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।