नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के जवानों को विशेष ड्यूटी के दौरान अब खाने-पीने की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। मनपसंद गर्मागरम भोजन एक मोबाइल कॉल या मैसेज पर उनके सामने हाजिर होगा।
द्वारका के पुलिस उपायुक्त संतोष कुमार मीणा ने शुक्रवार को बताया कि जिले में पायलट प्रोजेक्ट यानी प्रायोगिक तौर पर एक ‘मोबाइल कैंटीन वैन’ यानी ‘चलती-फिरती रसोई ’ की शरुआत की गई है। पुलिस कर्मियों से फीडबैक लेने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस व्यवस्था का आकलन किया जाएगा। यदि रिपोर्ट सकारात्मक आयी तो दिल्ली पुलिस इस सुविधा का विस्तार अन्य जिलों तक करेगी।
उन्होंने बताया कि नई पहल से विशेष अवसरों पर कानून एवं व्यवस्था संभालने या नियमित गश्त की व्यस्ताओं के दौरान पुलिस कर्मियों को कई-कई घंटे पूर्व पैक किए गए भोजन खाने मजबूरी नहीं रहेगी। मोबाइल कैंटीन प्रभारी के मोबाइल नंबर पर सिर्फ एक मैसेज या कॉल करना होगा और ड्यूटी स्थल पर ताजा एवं गर्मागरम खाना मिल जाएगा। सुविधा हासिल करने के लिए ड्यूटी प्वाइंट प्रभारी/कंपनी कमांडर को खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए अनुरोध करना होगा।
मीणा ने बताया कि मोबाइल कैंटीन के माध्यम से ताजा भोजन के अलावा ठंडा एवं गर्म पानी, अन्य पेय पदार्थ पुलिस कर्मियों को उपलब्ध होगा। इसका उपयोग करने वाले पुलिस कर्मियों से समय-समय पर राय ली जाएगी तथा उसी के आधार पर यदि जरूरत हुई तो बदलाव किये जाएंगे।
उन्होंने बताया कि विभिन्न सुविधाओं से लैस एक टाटा-407 वाहन में खाने के अनुकूल टेबल, पानी की मशीन (गर्म और ठंडा) और खाद्य भंडारण की समुचित व्यवस्था की गई है।
गौलतब है कि दंगों, भीड़ प्रबंधन, धार्मिक सभाओं, विभिन्न त्योहारों, राजनीतिक रैलियों, अंतरराज्यीय सीमाओं पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात पुलिस कर्मियों को मजबूरन बासी खाना मजबूरी बन जाता है और उन्हें नाश्ते-पानी की मुश्किलों से भी दो-चार होना पड़ता है।