काबुल। खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले एवं पंजशीर घाटी में प्रतिरोध बलों में शामिल हो चुके अमारुल्लाह सालेह ने शुक्रवार को कहा कि वह देश से नहीं भागे हैं और प्रांत को घेरने वाले तालिबान तथा अल कायदा जैसे आतंकवादी समूहों का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर दोषी ठहराया।
बीबीसी और टोलो न्यूज़ को भेजे गए एक वीडियो संदेश में, सालेह, जो पूर्वोत्तर प्रांत पंजशीर में अहमद मसूद के प्रतिरोध आंदोलन के साथ सेना में शामिल हो गए हैं, ने कहा कि उनके अफगानिस्तान से भागने से संबंधित रिपोर्ट ‘पूरी तरह से निराधार’ हैं। उन्होंने कहा कि मैं पंजशीर में हूं। स्थिति बहुत कठिन है।
सालेह ने कहा कि हम पर तालिबान, उनके अल कायदा सहयोगियों, क्षेत्र और उसके बाहर के अन्य आतंकवादी समूहों द्वारा आक्रमण किया गया है, जैसा कि हमेशा की तरह यह पाकिस्तानियों द्वारा समर्थित है।
उन्होंने कहा कि हमने मैदान पर कब्जा कर लिया है, हमने विरोध किया है। प्रतिरोध आत्मसमर्पण करने वाला नहीं है, आतंकवाद के आगे झुकने वाला नहीं है और यह जारी रहने वाला है। उन्होंने कहा,“कठिनाइयाँ हैं लेकिन मैं भागा नहीं हूं और न हीं फरार हूं।
सालेह ने कहा कि मैं इस वीडियो के माध्यम से आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस समय जो कुछ भी कहा गया है कि मैं घायल हो गया हूं या मैं भाग गया हूं, वह निराधार, फर्जी खबर है। उन्होंने टोलो न्यूज को भी ऐसा ही एक वीडियो पश्तो भाषा में भेजी है।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि प्रतिरोध जारी है और जारी रहेगा। मैं यहां अपनी मिट्टी के साथ हूं, अपनी धरती और इसकी गरिमा की रक्षा के लिए हूं। इसबीच अहमद मसूद ने एक ट्वीट में कहा कि तालिबान के पंजशीर पर कब्जा करने की खबरें फर्जी हैं।
उन्होंने कहा कि पंजशीर को जीतने की खबरें पाकिस्तानी मीडिया में घूम रही हैं। यह एक झूठ है। इसे जीतना पंजशीर में मेरा आखिरी दिन होगा, इंशाअल्लाह। एक अफगान कमांडो एवं प्रतिरोध बलों का हिस्सा के एक ट्वीट के अनुसार गुरुवार रात की लड़ाई में 450 तालिबान मारे गए और 230 ने आत्मसमर्पण किया तथा बदख्शां प्रांत के 170 तालिबान प्रतिरोध बल में शामिल हुए।