जैसलमेर। शादी के बत्तीस महीनों के बाद एक दुल्हन पाकिस्तान से भारत पहुंची और उसने शुक्रवार शाम अटॉरी बॉर्डर पर भारत की चौखट चूंमी।
उसके भारत पहुंचने पर इतने लंबे समय से दुल्हन का इंतजार कर रहे जैसलमेर के बईया गांव निवासी विक्रम सिंह एवं उसके परिजनों को खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दुल्हन निर्मला कंवर का उसके परिजनों ने राजस्थानी पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। मुंह मीठा कर उनकी अगवानी की।
पाकिस्तान में फंसी इस दुल्हन को लाने में कृषि राज्य मंत्री कैला चौधरी ने अथक प्रयास किये हैं। उन्होने केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिये भारतीय दूतावास से संपर्क कर जैसलमेर की इस वधु को उसके ससुराल में लाने के लिए पिछले कई महीनों से भरसक प्रयास किए।
निर्मला कंवर के भारत पहुंचने पर उनके स्वागत के लिए सांसद सेवा केन्द्र, बाड़मेर में दोपहर में स्वागत समारोह आयोजित किया गया जिसमें उनका स्वागत किया गया।
उल्लेखनीय है कि जैसलमेर के बईया गांव निवासी विक्रमसिंह एवं उसके भाई नेपाल सिंह ने पाकिस्तान के सिंध इलाके में जनवरी 2019 में शादी की थी। इस बीच जम्मू-कश्मीर में पुलवामा हमला हुआ और दोनों देशों के रिश्तों में दूरियां बढ़ गई। ट्रेन, बस से लेकर हवाई सफर बंद हो गया।
इसी वजह से करीब 4-5 माह तक विक्रमसिंह ससुराल में ही रहा, आखिरकार पत्नी को वीजा नहीं मिला तो वह अकेला ही भारत लौट आया। उम्मीद बंधी थी कि दो मुल्कों के बीच रिश्ते ठीक होने पर उसकी पत्नी भारत आएंगी, लेकिन विक्रमसिंह की पत्नी निर्मला कंवर का पासपोर्ट ब्लैकलिस्टेड होने से वह भारत नहीं आ सकी।
गत आठ मार्च को अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर विक्रमसिंह के भाई नेपालसिंह एवं बाड़मेर के गिराब निवासी महेंद्र सिंह की पत्नियां पाकिस्तान से भारत आ गई थी, लेकिन निर्मला कंवर पासपोर्ट की वजह से पाकिस्तान में ही अटक गई।
पाकिस्तान में ही पैदा हुए विक्रम सिंह के बेटे राजवीर सिंह को वीजा मिलने से उसे गत मार्च में ही भारत ले आए थे। गत दिनों निर्मला कंवर का पासपोर्ट पाकिस्तान के बहाल कर देने से वह भी भारत आ गई।