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हर मोर्चे पर विफल कांग्रेस सरकार को जश्न मनाने का कोई अधिकार नहीं : पूनियां - Sabguru News
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हर मोर्चे पर विफल कांग्रेस सरकार को जश्न मनाने का कोई अधिकार नहीं : पूनियां

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हर मोर्चे पर विफल कांग्रेस सरकार को जश्न मनाने का कोई अधिकार नहीं : पूनियां

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर किसान, बेरोजगार, कानून व्यवस्था सहित हर मुद्दे पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में अब तक की नकारा, निकम्मी, भ्रष्ट और अराजक सरकार को उत्सव एवं जश्न मनाने का कोई अधिकार नहीं रह गया है।

डा पूनियां ने कांग्रेस सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर आज प्रेस वार्ता में यह बात कही।उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि सरकार के तीन वर्ष को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार उत्सव मना रही है, लेकिन मेरी नजर में राजस्थान के इतिहास में कांग्रेस की यह सरकार अब तक की नकारा, निकम्मी, भ्रष्ट और अराजक सरकार है, जिसको उत्सव व जश्न मनाने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंनेे आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान की ऐसी दुर्दशा कभी नहीं देखी, जनहित के खिलाफ सरकार ने जो फैसले लिये वो विपक्ष के आंदोलनों के दबाव से वापस लेने पड़े और लगभग दर्जनों से अधिक बार फैसलों पर सरकार को यूटर्न लेना पड़ा।

किसानों का पूरा कर्जा माफ करने का कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वर्ष 2018 में 10 तक गिनती गिनकर वादा किया था और जनघोषणा पत्र में भी यह वादा किया गया, जिससे सरकार मुकर रही है। प्रदेश के 60 लाख किसान कर्जा माफ होने का इंतजार कर रहे हैं और सरकार बेशर्मी से तीन साल का जश्न मना रही है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने एक लाख 70 हजार से अधिक पदों पर नई भर्तियां करने का वादा किया था, लेकिन लगभग 10 हजार पदों पर ही नियुक्ति दी हैं, राजस्थान की जनता ने देखा है कि कुछ पिछली सरकार की लंबित भर्तियां थीं और कांग्रेस सरकार ने जो विज्ञप्तियां जारी की उसका नतीजा यह था कहीं न कहीं न्यायालयों में पेन्डिंग हैं या फिर अफसरों की टेबलों पर धूल खा रही हैं।

उन्होंने कहा कि जो परीक्षाएं राज्य सरकार ने आयोजित करवाईं, इनमें ज्यादातर में नकल व पेपर लीक के मामले सामने आए जो युवाओं के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ है। युवा पिछले कई दिनों से कड़ाके की ठंड में लंबित भर्तियों को पूरा करने के लिए जयपुर में आंदोलन करने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार युवाओं से संवाद करने को तैयार नहीं है।

डॉ. पूनियां ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा लगभग 30 लाख है, लेकिन राज्य सरकार 1.50 लाख युवाओं को ही भत्ता दे रही है। कानून व्यवस्था की बात करें तो राजस्थान शांतिप्रिय प्रदेश था, यहां लोग पर्यटन और व्यापार के लिए आते थे, लेकिन कांग्रेस सरकार के कुशासन में प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है।

यहां बहन-बेटियां अस्पताल, एम्बुलेन्स, सड़क, स्कूल, थानों आदि स्थानों पर भी सुरक्षित नहीं हैं। राजस्थान सरकार की कानून व्यवस्था की बानगी यह कि 6.50 लाख से अधिक मुकदमे पहली बार राजस्थान की धरती पर दर्ज हुए, प्रदेश अपराधों की राजधानी बन गया, अवैध खनन चरम पर है, माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

उन्होंने कहा कि जिस तरीके से इस सरकार की शुरूआत अंतर्द्वंद, अंर्तविरोध और विरोधाभास से हुई, राजभवन में दो-दो मुख्यमंत्रियों के नारे लगे और मंत्रिमंडल के गठन पर झगड़ा हुआ, विभाग के मंत्रालयों के बंटवारों पर झगड़ा हुआ, सचिवालय के कमरों के लिए झगड़ा हुआ और इस झगड़े का असर राजस्थान के शासन पर पड़ा है और गांव व शहरों में विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन के कारण कोरोना जैसी भयंकार महामारी में अस्पताल के दरवाजों पर लोग दम तोड़ते रहे, वेन्टिलेटर, दवाई, मास्क, रेमडेसिविर आदि को लेकर कालाबाजारी और धांधली हुई। मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी बचाने की फिक्र ज्यादा थी, लेकिन राजस्थान की जनता की जान बचाना और बहन-बेटियों की अस्मत बचाने की फिक्र नहीं थी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलित अत्याचार और मॉब लिंचिंग के काफी मामले सामने आए, 20 हजार से अधिक ऐसे मामले हैं जो दलितों और वंचितों से सीधे-सीधे ताल्लुक रखते हैं। मुख्यमंत्री खुद को दलितों और वंचितों का हितैषी बताते हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार के तीन साल राजस्थान के इतिहास के काले अध्याय के रूप में याद किए जाएंगे। यह तीन साल राजस्थान की अबलाओं के लिए, बेरोजगारों के लिए, किसानों के लिए काले दिनों के रूप में याद किये जाएंगे।

उन्होंने कहा कि महंगाई के नाम पर कांग्रेस सियासी ड्रामा करती है, हकीकत यह है कि राजस्थान में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल, महंगी बिजली और खाद्य पदार्थ हैं, जबकि पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश और हरियाणा आदि ने राजस्थान से सस्ता पेट्रोल-डीजल है, मुख्यमंत्री वैट दर कम कर प्रदेश की जनता को राहत क्यों नहीं देते। गहलोत सरकार की जनविरोधी नीतियों से किसान, व्यापारी और आमजन परेशान हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के जनविरोधी कार्यों की लंबी सूची है, इसकी दोषी कांग्रेस सरकार है, जिसकी सजा प्रदेश की जनता कांग्रेस को 2023 में राजस्थान से हमेशा के लिए विदाई कर देगी।