देवनानी ने दिल्ली में भूपेंद्र यादव और अर्जुन राम मेघवाल से की मुलाकात
अजमेर। अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से अजयसर में बायोलाॅजिकल पार्क बनाने, चिड़िया घर और शास्त्री नगर स्थित नगर वन उद्यान के लिए पांच करोड़ रूपए अतिरिक्त देने की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल से अजमेर के ऐतिहासिक तारागढ़ को संरक्षित स्मारक घोषित कराने का आग्रह किया है।
देवनानी ने दिल्ली में इन दोनों केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर अजमेर के विकास पर चर्चा की। देवनानी ने यादव से कहा कि अजयसर में बायोलाॅजिकल पार्क के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति एवं 15 करोड़ रूपए स्वीकृत कराए जाएं, ताकि अजमेर के पर्यटन एवं महत्व को नई ऊचाइयां मिल सके।
उन्होंने कहा कि अजमेर शहर के विस्तार के साथ ही अब आसपास अरावली पर्वत श्रृंखला को संरक्षित व संवर्द्धित करने की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है। इसके लिए शहर के पास फाॅयसागर से पुष्कर जाने वाले मार्ग पर ऐतिहासिक अजयसर गांव में बायोलाॅजिकल पार्क स्थापित किया जा सकता है।
अजयसर चारों ओर पहाड़ियों से घिरा हुआ एक समृद्ध वन सम्पदा वाला क्षेत्र है। यह स्थान बायोलाॅजिकल पार्क के लिए तमाम आवश्यकताओं को पूरा करता है। जयपुर के नाहरगढ़ और उदयपुर के सज्जनगढ़ की तर्ज पर यहां एक चिड़ियाघर की स्थापना भी की जा सकती है, जिसमें विभिन्न जानवरों को रखा जाना पर्यटन के लिए भी मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह बायोलाॅजिकल पार्क विद्यार्थियों के लिए भी बेहद उपयोगी रहेगा। इसमें विभिन्न प्रजाति के औषधीय व अन्य पौधों के जरिए वनस्पति विज्ञान के विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
देवनानी ने यादव से कहा कि भाजपा के शासनकाल में वर्ष 2016-17 में अजमेर में दो करोड़ रूपए की लागत से शास्त्री नगर की पहाड़ियों पर नगर वन उद्यान स्थापित किया गया था। यह भाजपा सरकार की ही सोच थी कि आमजन के स्वास्थ्य संवर्द्धन के लिए प्राकृतिक स्थानों को विकसित किया जाए, लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस सरकार ने नगर वन उद्यान का विस्तार एवं विकास बाधित कर दिया है।
वर्तमान में नगर वन उद्यान में विकास के लिए पांच करोड़ रूपए की आवश्यकता है। इस राशि से वन उद्यान में ट्रेक का विस्तार, बच्चों के खेलने के लिए झूले, उद्यान में नए औषधीय वन क्षेत्र की स्थापना, प्राकृतिक जलाशयों का विकास और अन्य कार्य कराए जा सकते हैं।
देवनानी ने मेघवाल से कहा कि देश की आजादी से अब तक सारसंभाल और मरम्मत के अभाव में अजमेर का तारागढ़ किला बेहद जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। दीवारों से एक के बाद एक पत्थर निकलकर जमीन पर गिर रहे हैं। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संरक्षित स्मारक घोषित नहीं करने से इस किले में अतिक्रमण की भरमार है। ऐतिहासिक महत्व के पत्थर, अभिलेख एवं अमूल्य मूर्तियां धीरे-धीरे चोरी होती जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा तारागढ़ किले को संरक्षित स्मारक घोषित किया जाना चाहिए। विशेष पैकेज की घोषणा कर किले के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सरकार द्वारा कोई नीति बनाई जानी चाहिए।
गौरवशाली इतिहास की जानकारी देने वाले अभिलेख, प्राचीन पत्थर एवं अमूल्य मूर्तियां चोरी न हो, इसके लिए विशेष कदम उठाए जाने चाहिए। किले तक पहुंचने वाले रास्तों को हैरिटेज वाॅक की तर्ज पर विकसित किया जाना चाहिए।
जैव विविधताओं, झरनों एवं औषधीय पौधों की सम्पदा से परिपूर्ण तारागढ को एक पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। पुरातत्व विभाग द्वारा किले का जीर्णोद्धार कराने के साथ अप्रोच रोड, हैरिटेज वाॅक-वे बनाए जाने चाहिए। इसके साथ ही तारागढ़ में सेना की छावनी बनाई जा सकती है।