अजमेर। भूकम्प जैसी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए सिटी स्क्वायर मॉल पंचशील में शुक्रवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न अभिकरणों ने अपनी भूमिका का बखुबी निर्वहन किया।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट शहर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि जिले में भूकम्प जैसी आपदा के समय आवश्यक बचाव कार्य के सम्बन्ध में मॉक ड्रिल का आयोजन सिटी स्क्वायर मॉल पंचशील में हुआ।
सुबह 10 बजे भूकम्प की सूचना सभी अभिकरणों को प्रदान की गई। समस्त अधिकारियों, कार्मिकों एवं स्वयंसेवकों ने तेजी के साथ सिटी स्क्वायर पहुंच कर अपने कर्तव्यों को अंजाम दिया। सर्वप्रथम भूकम्प के कारण हुए शोर्ट सर्किट से नबर आग को बुझाया गया। इसके पश्चात जलते हुए व्यक्तियों को गीले कम्बल के द्वारा बचाया गया।
झुलसे, घायल तथा बेहोश व्यक्तियों को परिसर के अलग-अलग स्थानों से बाहर लाया गया। गम्भीर घायलों का उसी स्थान पर प्राथमिक उपचार किया गया। सामान्य घायलों का उपचार एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचक दल) के द्वारा स्थापित मेडिकल कैम्प में किया गया। घायलों, बेहोश तथा मृत व्यक्तियों को बाहर निकालने में एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचक दल), सिविल डिफेन्स, एनसीसी तथा स्काउट गाईड ने अपनी भूमिका निभाई।
उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल में भूकम्प के कारण मलबे में दबे व्यक्तियों को बचाने के लिए कट्टर के माध्यम से लोहे, लकड़ी एवं दीवारों के अवरोधों को काटकर प्राथमिक उपचार दिया। आवश्यकता होने पर ऑक्सीजन लगाकर श्वास-प्रश्वास को सामान्य किया।
एनडीआरएफ के दल ने भूकम्प से प्रमाणित क्षेत्र में आपदा अभियान आरम्भ करने से पूर्व अपने पहुंचने की घोषणा की। इससे अन्दर फंसे व्यक्तियों को बचने की आशा जगी। विभिन्न स्थानों पर फंसे व्यक्तियों को बचाने के लिए तलाशी अभियान आरम्भ किया गया। फंसे व्यक्तियों को बचाया गया।
जीवित व्यक्तियों के सभी फंसे होने की जानकारी प्राप्त करने में डॉग स्क्वायड का सहारा लिया गया। स्क्वायड ने सटीक पहचान कर दल को सचेत किया। दल द्वारा व्यक्तियों को सकुशल बाहर निकाला गया। आपातकालीन परिस्थिति में सम्पर्क स्थापित करने के लिए सैटेलाईट फोन एवं मार्स कोड अधारित हेम रेडियो भी मौके पर उपलब्ध थे।
उन्होंने बताया कि ऊंचे स्थानों पर फंसे व्यक्तियों को टाईगर जम्प के द्वारा बचाने की ड्रिल की गई। इसके अन्तर्गत एक रस्सी के सहारे ऊंचाई से व्यक्तियों को सकुशल उतारा गया। यह रस्सी तथा टाईगर जम्प की कार्यशीलता की जांच के लिए दल के जवान को उतारा गया। यह एक जोखिम भरा कार्य होता है। इसमें जवान अपनी जान की परवाह भी नहीं करते हैं।
इसकी जांच में सटीक पाए जाने पर घायलों को उतारा गया। गम्भीर रूप से घायलों को गोल्डी स्ट्रेचर के सहारे नीचे उतारा। समस्त दलों द्वारा फाईनल कार्य में संतुष्ट होने के उपरान्त बचाव अभियान समाप्ति की घोषणा की गई।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार की मॉक ड्रिल से आमजन को आपदा के समय किए जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। विपरित परिस्थिति में प्रशासन के प्रति सहयोग का भाव जाग्रत होता है तथा विश्वास बढ़ता हैं। जन हानि होने से रोकने के लिए प्रशासन के पास ऎसे दल मौजूद हैं जो अपनी जान की बाजी आमजन की जान बचाने में लगा देते हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय आपदा मोचक दल के राजस्थान प्रभारी योगेश कुमार मीणा, अतिरिक्त कलक्टर मुरारीलाल वर्मा, उपखण्ड अधिकारी महावीर सिंह उपस्थित थे।