चंडीगढ़। पंजाब के पुलिस महानिदेशक सिद्धार्थ चटोपाध्याय ने कहा है कि लुधियाना विस्फोट कांड में मारे गए व्यक्ति की पहचान पंंजाब पुलिस के बर्खास्त हैड कांस्टेबल गगनदीप सिंह के तौर पर की गई है।
चटोपाध्याय ने आज पत्रकारों को बताया कि लुधियाना अदालत परिसर विस्फोट मामले में मारे गये व्यक्ति की पहचान हैड कांस्टेबल के तौर पर की गई है। उसे 2019 में नशे के मामले में बर्खास्त किया गया था। पुलिस तथा एनआईए ने उसके खन्ना स्थित घर पर छापेमारी की तथा लैपटाप, मोबाइल, कपड़े और नकदी बरामद हुई। बताया जाता है कि उसके भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
चटोपाध्याय ने कहा कि अब तक मिले सबूतों के आधार पर उसी अकेले ने इसे अंजाम दिया। हो सकता है कि वो बम फिट करते समय तार जाेड़ने गया क्योंकि हाल में उसकी पेशी होनी थी। उसकी बाजू पर टैटू ने शिनाख्त में मदद की। गगनदीप सिंह खन्ना सदर थाने में मुंशी तैनात था तथा नशा माफिया के साथ उसके संबंध होने के कारण 2019 में उसे नौकरी से बर्खास्त किया गया था। उसे दो साल की जेल हुई और सितंबर में वो रिहा हुआ था। उससे 85 ग्राम हेरोइन बरामद हुई थी। एसटीएफ ने उसे बर्खास्त किया था।
डीजीपी ने इस मामले को चौबीस घंटे में हल किए जाने के लिए पुलिस की टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह पावरफुल ब्लास्ट था। मौके पर हमने जायजा लेने के बाद जैसे -जैसे जांच आगे बढ़ी तो यकीन होता गया कि यही सही तस्वीर है। उसके जेल, पंजाब और देश से बाहर नशा तस्करों से संबंध थे और हमें सबूत हाथ लगे हैं। वो नशा तस्करों के संपर्क में था।
उन्होंने बताया कि विस्फोट में किस मेटेरियल का इस्तेमाल किया गया उसकी जांच हो रही है और रिपोर्ट मिलने के बाद ही इसका उद्देश्य और सच सामने आएगा। यह तो तय है कि वो अकेला तार जोड़ने गया था।
उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे पंजाब के पुराने गौरव को लौटाने में हमारी मदद करें। हम किसी गैंगस्टर, माफिया, नशा तस्कर और अपराधी को कतई बख्शेंगे नहीं चाहे वो कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो। मैं आशा करता हूं कि अपराध मुक्त पंजाब के लिए उनके सहयोग की जरूरत है। आतंकवाद कैसा भी हो वो कतई बर्दाश्त नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्वक, स्वतंत्र तथा निष्पक्ष कराने के लिये पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे और लोगों में डर भय की भावना घर न करे ऐसा सुरक्षित माहौल देंगे। बेशक हमारे सामने चुनौतियां अनेक हैं लेकिन सब को पार करके शांतप्रिय, खुशहाल पंजाब के लिए प्रयास करेंगे। मैं यह मानता हूं कि अदालत परिसर में घटी इस घटना के पीछे हमारी लापरवाही रही लेकिन अदालत परिसर के कितने ही गेट हैं और सब पर तैनाती मुमकिन नहीं।
उन्होंने अमृतसर में दरबार साहिब में हुई बेअदबी की घटना के बारें में कहा कि मारा गया व्यक्ति चोरी की नीयत से आया था लेकिन किसी को अपने हाथ में कानून लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। तीसरी घटना कपूरथला में हुई और उस गुरूद्वारे के मुखी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वो बेअदबी की घटना नहीं थी। जिसे नौजवान को मारा गया उसके मामले में गुरूद्वारा मुखी सहित करीब सौ लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
आतंकवाद के दौरान पंजाब की शांति तथा सांप्रदायिक सौहार्द भंग करने का प्रयास किया गया था। ऐसी घटनाओं के पीछे किसकी भूमिका हो सकती है यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है।