जयपुर। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान को प्रदेश सत्ता एवं संगठन के समन्वय का देश में सबसे सफल उदाहरण बताते हुए कहा है कि यह पहली बार है कि राज्य सरकार के विरूद्ध किसी प्रकार की सत्ता विरोधी लहर नहीं है।
गहलोत आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय आवासीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सत्ता व संगठन के समन्वय से ही चुनाव में जीत प्राप्त की जाती है। उन्होंंने कहा कि यदि सत्ता एवं संगठन में समन्वय नहीं रहे तो चुनावों में कार्यकर्ता हतोत्साहित हो जाते है जबकि किसी भी संगठन की रीढ़ कार्यकर्ता ही होते है।
उन्होंंने कहा कि संगठन के कार्यकर्ता जो कार्य करते हैं उसका विकल्प करोड़ों के विज्ञापन भी नहीं बन सकते। उन्होंंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की पुरानी परम्परा रही है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अधिवेशन में जनहित में जो प्रस्ताव पारित किए जाते है उनकी क्रियान्विति सरकारोंं द्वारा की जाती रही है।
उन्होंंने कहा कि कार्यकर्ता सरकार के निर्माण में अपनी भागीदारी को पाता है तो प्रोत्साहित होता है। उन्होंंने कहा कि पीसीसी एवं एआईसीसी डेलीगेट एवं कांग्रेस पदाधिकारी जब अधिवेशन में बोलते हैं तो यह जनता के प्रति एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है, क्योंकि अधिवेशन में सरकार के कार्यों की आलोचना भी हो तो सरकार में सुधार संभव होता है।
उन्होंंने कहा कि अधिवेशन में सरकार का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाकर जवाबदेही तय होती है तथा जो प्रस्ताव पारित हो तो नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा की जाने वाली माँगों के आधार पर बजट घोषणाएं होती है तथा सरकार के नीति-निर्माण में कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित होती है ऐसी परिस्थिति में गर्व की अनुभूति करने वाला कार्यकर्ता सरकार की योजनाओं को जन-जन तक लेकर जाता है तथा आत्मविश्वास के साथ पार्टी के लिए कार्य करता है।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि राज्य सरकार के विरूद्ध किसी प्रकार की एन्टी इंकमबेन्सी नहीं है। उन्होंंने कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम हेतु किए गए प्रबन्धन को पूरे विश्व ने देखा है तथा भीलवाड़ा मॉडल से प्रदेश का नाम पूरे विश्व में रोशन हुआ है।
उन्होंंने कहा कि राजस्थान सरकार जनकल्याणकारी निर्णय लेने में कभी पीछे नहीं रही, कोरोना महामारी से मृत्यु के असली आंकड़ें को जानने के लिए राज्य सरकार द्वारा ऑडिट करवाया जा रहा है तथा निर्देश प्रदान किए गए है भले ही आरटीपीसीआर टेस्ट में परिणाम नेगेटिव आया हो किन्तु यदि कोरोना का ईलाज चला है तो उसे कोरोना से मृत्यु माना जाएगा।
उन्होंंने कहा कि प्रदेश में महामारी से जान गंवाने वाले 8000 लोगों तथा 3000 विधवा महिलाओं को सरकार द्वारा जारी पैकेज से लाभान्वित किया गया है। उन्होंंने कहा कि कांगे्रस कार्यकर्ताओं ने जयपुर में आयोजित महंगाई हटाओ रैली को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। देश की जनता जो महंगाई से त्रस्त है उसकी पीड़ा को जयपुर रैली में शामिल हुए कार्यकर्ताओं के माध्यम से केन्द्र सरकार के समक्ष रखा गया है। उन्होंंने कहा कि राजस्थान की जनता को कांग्रेस संगठन की ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों पर पूरी आस्था एवं विश्वास होना चाहिए।
उन्होंंने कहा कि जनता को यह विश्वास होना चाहिए कि ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के माध्यम से वो न्याय पा सकेंगे, यदि ऐसा हो जाए तो प्रदेश में पार्टी बेहद मजबूत होगी। उन्होंंने कहा कि जब सशक्त कार्यकर्ता केन्द्र सरकार की विफलताओं को जनता के समक्ष लेकर जाएंगे तथा फासीवादी ताकतों द्वारा धर्म के नाम पर देश को तोडऩे के लिए किए जा रहे कार्यों को उजागर करेंगे तभी केन्द्र की सत्ता से फासीवादी ताकतों की विदाई संभव होगी।
उन्होंंने कहा कि आज देश किस दिशा में जा रहा है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। ईडी, आईटी, ज्यूडिसरी दबाव में काम कर रहे हैं। चुनाव आते ही छापे पडऩे चालू हो जाते हैं जिसका उदाहरण राजस्थान में आए राजनीतिक संकट के दौरान जनता ने देखा था।
उन्होंंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लम्बे समय तक उन पर विश्वास जता कर अनेक अवसर प्रदान किए है तथा अब उस अनुभव के आधार पर पार्टी की सेवा करने का अवसर भी प्राप्त हुआ है। उन्होंंने कहा कि पार्टी द्वारा जिस विश्वास से उन्हें मौका दिया उसका कर्ज पार्टी को मजबूत कर उतारना है।
उन्होंंने कहा कि पार्टी ने बुरे दौर पहले भी देखे हैं किन्तु हम अपने कार्यकर्ताओं की ताकत के बल पर बार-बार खड़े हो जाते है। उन्होंंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जनता से जुड़े मुद्दें उठाकर केन्द्र सरकार के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहे है किन्तु आरएसएस द्वारा विभिन्न माध्यमों से दुष्प्रचार कर कांग्रेस एवं कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंंने कहा कि सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दायित्व है कि भाजपा की जनविरोधी नीतियों को उजागर करने के लिए ब्लॉक स्तर तक सम्मेलन किए जाए तथा जहाँ आवश्यकता हो मुख्यमंत्री स्वयं भी ब्लॉक सम्मेलनों में शामिल होकर कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने में पीछे नहीं रहेंगे।
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