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अस्पताल के मार्ग में बाधा : आदिवासी प्रसूता ने रास्ते में जन्मा नवजात - Sabguru News
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अस्पताल के मार्ग में बाधा : आदिवासी प्रसूता ने रास्ते में जन्मा नवजात

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अस्पताल के मार्ग में बाधा : आदिवासी प्रसूता ने रास्ते में जन्मा नवजात

आबूरोड(सिरोही)। बेटी को प्रसव पीड़ा होने पर पिता उसे बाइक पर बैठाकर 20 किलोमीटर तक दौड़ा लेकिन अस्पताल से 10 किलोमीटर पूर्व उपलागढ़-ढलान वाले रास्ते में ही प्रसूता ने नवजात को जन्म दे दिया।

भाखर क्षेत्र के 24 गांवों की प्रसूताओं के लिए अस्पताल की क्षेत्र से लंबी दूरी, समय पर अस्पताल पहुंच कर सुरक्षित प्रसव कराने में बाधा बन रही है। नजदीकी देलदर अस्पताल से संपर्क कटने के बाद भाखर क्षेत्र के निचला खेजड़ा गांव में पीहर लोैटी प्रसूता बेटी को आबूरोड दूर के अस्पताल ले जाते वक्त बीच मार्ग में ही प्रसव हो गया।

प्रसव की खुले आसमान सड़क किनारे की नौबत 25 दिसंबर शाम करीब 5 बजे की है। जिस दौरान क्षेत्र के एक गांव की प्रसूता बेटी ने अपने पिता के साथ काफी सफर की दूरी पार करने के बावजूद अस्पताल से 10 किलोमीटर पूर्व ही प्रसव हो गया। गनीमत रही कि उस समय जच्चा और बच्चा सुरक्षित रहे।

बाइक ने पकड़ी थी रफ्तार, पर अधिक दूरी की वजह से चूके

25 दिसंबर को उपला खेजड़ा ग्राम पंचायत के निचला खेजड़ा गांव में ससुराल जोगीवड कोटडा उदयपुर से पीहर लोेेैटी एक बेटी को अपने पिता के घर प्रसव पीड़ा होने पर उसने अपने पिता को बताया।

पिता अपनी बेटी को बाइक पर बैठाकर निचला खेजड़ा से आबूरोड अस्पताल के लिए रवाना हुआ, रफ्तार भी लेकिन 20 किलोमीटर दूर उपला गढ़ के ढलान पर घाटाफली सड़क मार्ग बेटी ने पिताजी को बोला बाइक रोको, एक बार तो पिताजी ने बोला बस अभी पहुंचने वाले हैं अस्पताल लेकिन तेज प्रसव पीड़ा के चलते बेटी ने फिर कहा पिताजी बाइक रोको नहीं तो मैं कुंद जाऊं। जैसे ही बाइक रोकी सड़क के किनारे तेज प्रसव पीड़ा के बाद संतान को जन्म दे दिया।

24 गांवों के प्रसूताओं की बढ़ रही है दिक्कत

देलदार गांव के अस्पताल की बांध निर्माण मे सड़क डूब क्षेत्र में जाने की वजह से संपर्क कट जाने पर अब 24 गांवो की प्रसूताओं का प्रसव आबूरोड की अस्पतालों में जाकर करवाने का विकल्प बचा है, लेकिन लंबी दूरी आपातकालीन परिस्थितियों में जान जोखिम का पर्याय बनती हुई दिख रही है।