अजमेर। कोरोना वैश्विक महामारी के बीच राजस्थान के अजमेर में भरने वाले ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 810वें सालाना उर्स में पाकिस्तान से जायरीनों के आने की सूचना जिला प्रशासन को मिली है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अजमेर जिला प्रशासन पाकिस्तानी जत्थे की आने की सूचना के बाद हरकत में आया है और उनकी व्यवस्था संबंधी रणनीति के लिए मंगलवार को बैठक की जायेगी। प्रारंभिक सूचना के अनुसार चार या पांच फरवरी को विशेष रेलगाड़ी के जरिए 500 पाकिस्तानी अजमेर आ सकते हैं।
करतारपुर साहब कॉरीडोर खुलने के बाद पाकिस्तानी जायरीनों के अजमेर दरगाह शरीफ आने का रास्ता भी साफ हुआ है। हालांकि गत वर्ष कोरोना के चलते उर्स नहीं भरा जा सका था। ऐसे में पाकिस्तानी भी अजमेर नहीं आ पाए थे।
इस बार कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रभाव के बावजूद पाकिस्तानी जायरीनों के आने की सूचना मिली है। हालांकि उर्स कोरोना के मद्देनजर किस स्तर पर भरेगा यह साफ नहीं है।
उल्लेखनीय है कि रजब माह का चांद दिखाई देने पर सालाना उर्स का आगाज़ दो फरवरी से होगा और इससे पहले 27 जनवरी को झंडे की रस्म अदा की जाएगी। उर्स 11 फरवरी को बड़े कुल की रस्म के साथ विधिवत मुकम्मल हो जाएगा।