जयपुर। राजस्थान में अलवर मूक बधिर नाबालिग सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सवाईमाधोपुर जिले के रणथंभौर जा रहे भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया।
भाजपा सूत्रों के अनुसार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां द्वारा गठित प्रदेश भाजपा की उच्च स्तरीय समिति के सदस्यों राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अल्का गुर्जर, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अल्का मूंदड़ा, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा, प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल को सवाईमाधोपुर में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और प्रियंका गांधी से नहीं मिलने दिया।
समिति के ये सदस्य पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए रणथंभौर प्रियंका गांधी से मिलने जा रहे थे, जिन्हें पुलिस ने बीच रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया। समिति के सभी सदस्य कार्यकर्ताओं के साथ काफी देर तक धरने पर भी बैठे।
डॉ. गुर्जर ने कहा कि अलवर में बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद भी सोई हुई राजस्थान की कांग्रेस सरकार को जगाने के लिए प्रदेश भाजपा की चार सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति के सदस्यों ने रणथंभौर प्रियंका गांधी से मिलकर उन्हें यह बताना चाह रहे थे कि ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ हर जगह कहती हैं और राजस्थान में जहां उनकी पार्टी की सरकार है, यहां माताएं, बहनें बेटियां सभी भयभीत और लाचार हैं, इस पर भी संज्ञान लें।
उन्होंने कहा कि हठधर्मिता की पराकाष्ठा को पार करते हुए राजस्थान की गहलोत सरकार ने जनहित के लिए और माताओं बहनों की सुरक्षा के लिए प्रियंका गांधी से मिलने जा रहे भाजपा के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को ना केवल मिलने से रोका, बल्कि निराधार रूप से डराने और जनहित की आवाज को दबाने के लिए उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया।
गुर्जर ने कहा कि वह पूछना चाहेंगी कि जंगल भ्रमण और बाघ दर्शन के लिए अक्सर राजस्थान आने वाली प्रियंका गांधी को क्या राजस्थान का जंगलराज दिखाई नहीं देता या फिर जो चल रहा है उसे चलने दो और माल समेटों की चिरपरिचित कांग्रेसी शैली को राजस्थान में लागू कर दिया है।
अल्का मूंदड़ा ने कहा कि बेहद शर्म की बात है राजस्थान में सात हजार पोक्सो मामले अभी लंबित चल रहे हैं, दुष्कर्म के मामले में प्रदेश शीर्ष पर है, नित नई दुष्कर्म की घटना सामने आ रही हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार क्वॉरेंटाइन है और जनता व बहन-बेटियां डर के वातावरण में जी रही हैं।
शर्मा ने बताया कि हमारे इस प्रतिनिधिमंडल में से महिला प्रतिनिधियों को ही अपनी बात रखने के लिए जाने दिया जाए, इस पर भी प्रशासन राजी नहीं हुआ और तानाशाही कांग्रेस सरकार के दबाव में आकर जनहित की आवाज उठाने के लिए हमें गिरफ्तार कर लिया।