जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने कहा है कि अलवर विमंदित बालिका घटना के मामले में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए भाजपा के जन आंदोलन को नैतिक जीत मिली और अंतत: जनमत के दबाव के आगे राज्य सरकार को झुकना पड़ा और उसे मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो को देने का निर्णय लेना पड़ा।
डा पूनियां ने राज्य सरकार के इस मामले को सीबीआई को सौंपने के निर्णय के बाद आज रात अपने बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश की क़ानून व्यवस्था को लेकर पार्टी का आंदोलन अनवरत रहेगा। यह साबित हो गया कि गृहमंत्री के नाते अशोक गहलोत अक्षम हैं और इतने बड़े प्रदेश के इतने बड़े मुद्दे को यहां की पुलिस और यहां की सरकार ठीक तरीके से न्याय दिलवाने में सफल नहीं हुई।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस प्रकरण से कांग्रेस नेताओं का दोहरा चरित्र सामने आया, खासतौर पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जो ‘लडकी हूं, लड़ सकती हूं’, अपने इस ढोंगी टाइटल के साथ उत्तर प्रदेश में पाखंड करती हैं, दूसरी तरफ राजस्थान में होने के बावजूद भी पीड़िता एवं उनके परिवार से मिलना मुनासिब नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस दोहरे चरित्र से प्रश्न उठता है कि क्या कांग्रेस आलाकमान व कांग्रेस सरकार की नजर में राजस्थान की बहन-बेटियों का सम्मान नहीं है। क्या बहन-बेटियों के सम्मान के लिए कांग्रेस की अलग-अलग प्रदेशों के हिसाब से अलग सियासत है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में होकर भी पीड़िता से मिलने न जाने के दोष से प्रियंका गांधी दोषमुक्त नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि अपराधियों को पकड़ने के लिए राज्य सरकार को तत्परता से प्रयास जारी रखने चाहिए।
गहलोत सरकार का अलवर प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय