नई दिल्ली। अमर जवान ज्याेति के संबंध में कांग्रेस की आपत्ति पर शुक्रवार को केन्द्र सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जवानों को समर्पित इस अखंड ज्योति को बुझाया नहीं जा रहा है बल्कि इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में ज्योति में समाहित किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि इंडिया गेट पर अंकित नाम केवल कुछ शहीदों के हैं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो-अफगान युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़ाई लड़ी थी और इस प्रकार यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है। वर्ष 1971 के युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए लौ जलते देखना एक अजीब बात थी, लेकिन इंडिया गेट पर उनके किसी भी नाम का उल्लेख नहीं था।
सरकारी सूत्रों ने गांधी के अमर जवान ज्योति पर आपत्तियों के बाद कहा कि विडम्बना यह है कि जिन लोगों ने सात दशक तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब उस समय शोर मचा रहे हैं जब हमारे शहीदों के लिए उचित स्थान पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है।
सूत्रों ने कहा कि अमर जवान ज्योति की लौ के बारे में बहुत सारी गलत सूचनाएँ प्रसारित हो रही हैं। उन्हाेंने कहा कि 1971 और इसके पहले और बाद के युद्धों सहित सभी युद्धों में भारतीय शहीदों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में लिखे गए हैं। यह एक सच्ची श्रद्धांजलि है कि वहां शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अमर जवान ज्योति को बुझाने की योजना बनाने के लिए सरकार पर तीखा तंज कसा है।
गांधी ने इससे पहले ट्वीट किया कि अत्यंत दु:ख का विषय है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी वह आज बुझ जाएगी। कुछ लोग देशभक्ति और बलिदान को नहीं समझ सकते – कोई बात नहीं… हम अपने जवानों के लिए एक बार फिर अमर जवान ज्योति जलाएंगे।
इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति को शुक्रवार दोपहर तीन बजे एक समारोह में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्योति में समाहित किया जाएगा। इसके बाद देश के शहीद वीरों के सम्मान में दो अलग-अलग ज्याेति जलने की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। यह क्षण इंडिया गेट स्मारक के इतिहास में एक परिवर्तन का प्रतीक है जहां 1971 से अमर जवान ज्योति जल रही है।