जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार ने अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) मामले को गंभीरता से लिया है और जिसने गलती की है उसको कीमत चुकानी पड़ेगी।
गहलोत ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के मौके पर मीडिया से आज यहां यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार से मामले में भनक लगते ही जो एक्शन लिया, एसओजी को जिम्मेदारी सौंपी, उस एसओजी ने बहुत कम समय के अंदर वो कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि एसओजी के काम को सराहाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी एसओजी की जांच को वेलकम किया है। तो वह समझते है कि थोड़ा इंतजार करें क्योंकि हमने भी एक्शन किए हैं। उन्होंने आपराधिक लापरवाही को भी बड़ा जुर्म बताते हुए कहा कि इसमें निलंबित एवं बर्खास्त की कार्रवाई की गई है और धीरे-धीरे जांच आगे बढ़ेगी और यह साबित हो जाएगा कि यह इन लोगों के कारण यह सब हुआ, उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। कुछ नाम सामने आए भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में उच्च न्यायालय के जज को लेकर एक कमेटी बनाई है ताकि भविष्य में ऐसी नौबत नहीं आए। उन्होंने कहा कि अगले विधानसभा सत्र में बिल भी लेकर आ रहे हैं ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि किसी की हिम्मत नहीं हो, ऐसा करने की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में बहुत गंभीर है और वह पहले भी कह चुके हैं और आज फिर कहा रहे हैं कि हर व्यक्ति की जिंदगी में, हर क्षेत्र में, हर गलती कीमत मांगती है, इसलिए जिसने गलती की है उसको कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले से रीट की परीक्षा देने वाले 15-16 लाख बच्चों क्या बीत रही होगी।
उन्होंने पक्ष विपक्ष सहित सभी से अपील करते हुए कहा कि आलोचना का अधिकार सबको है लेकिन यह लाखों बेरोजगारों के भविष्य का सवाल है और सरकार को ऐसा सुझाव दे कि सरकार को यह काम और करना चाहिए, मगर ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि जिसके बहाने भर्तियां रूक जाए।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि लोग तो ऐसे हैं जिनको राजनीतिक समझ ही नहीं, भाजपा के बड़े बड़े नेता बयान दे रहे हैं, कोई तो केन्द्र में मंत्री बने बैठे हैं, कोई राज्य में बड़े ओहदे पर बैठे, भाजपा के नेता बिना चिंतन एवं मनन के बयानबाजी कर रहे हैं। इससे लोग भ्रमित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले ही भर्तियां देरी से हो रही है और हमने ठीक प्रयास किए। पेपर तो भाजपा के शासन में भी हुए, कांग्रेस ने आंदोलन किया लेकिन भाजपा सरकार ने क्या किया जबकि कांग्रेस सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और लोग पकड़े भी गए हैं।
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