नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम उठाते हुए वायु सेना में अब महिलाओं को प्रायोगिक के बजाय स्थायी योजना के तहत लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को खुद इस निर्णय की घोषणा की।
सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने वायु सेना में महिला लड़ाकू पायलटों को भर्ती करने की प्रायोगिक योजना को स्थाई योजना में बदलने का निर्णय लिया है। यह भारत की नारी शक्ति की क्षमता तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नारी सशक्तिकरण के प्रति वचनबद्धता का प्रमाण है।
वायु सेना में महिला पायलटों को लड़ाकू भूमिका के लिए पहली बार वर्ष 2016 में मौका दिया गया था जिसके बाद 3 महिला अधिकारियों ने लड़ाकू विमान के पायलट के रूप में प्रशिक्षण लिया था। वर्ष 2018 में फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले लड़ाकू विमान उड़ा कर इतिहास रचा था।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने कुछ महीने पहले ही राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिलाओं की भर्ती को मंजूरी देते हुए सरकार से अकादमी के दरवाजे महिलाओं के लिए खोलने का आदेश दिया था।