नई दिल्ली। सरकार ने व्यक्तिगत आयकर में राहत की उम्मीद लगाए बैठे करदाताओं को आम बजट में मायूस किया लेकिन भविष्य में विश्वस्तरीय अवसंरचना प्रदान करने और जिंदगी तथा कारोबार को सरल बनाने का सपना दिखाते हुये पूंजी निवेश और संगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रस्ताव किए गए हैं।
बजट में सीमा शुल्क में संशोधन के साथ घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने, ई मोबिलिटी को बढ़ाने, स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ाने के लिए गैर मिश्रित पेट्रोलियम ईंधन पर अधिभार बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को प्रस्तुत वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में प्रधानमंत्री गति शक्ति के तहत मल्टी मोडल परिवहन प्रणाली के एकीकृत विकास की महत्वाकांक्षी योजना को खाका प्रस्तुत किया। इसके तहत अगले वित्त वर्ष में 25 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का विकास किया जाएगा।
बजट में प्रत्यक्ष कर संबंधी प्रस्ताव में सहकारिता क्षेत्र को राहत देते हुए न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) और अधिभार की दर को कम किया गया है। पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के माहौल में राज्यकर्मियों को लुभाने वाले एक कदम के तहत उनकी नई पेंशन योजना (एनपीएस) में योगदान पर कर कटौती का लाभ केन्द्रीय कर्मी के समान ही 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। अभी उन्हें 10 प्रतिशत योगदान पर ही कर राहत मिल रही है जो अब बढ़कर 14 फीसदी हो जाएगी।
वित्त मंत्री ने स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिए मार्च 2023 तक गठित इकाइयों को कर राहत देने का ऐलान किया है। इसी तरह से नवगठित विनिर्माण इकाइयों को भी रियायती 15 प्रतिशत की कर दर का लाभ लेने के लिए उत्पादन मार्च 2024 तक शुरू करने की मोहलत दी है।
घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए बजट में आयातित परियोजनाओं और मशीनरी पर शुल्क में रियायत की व्यवस्था को धीरे धीरे समाप्त करने और सात प्रतिशत की दर से एक समान कर लगाने की घोषणा की गई है। सीतारमण ने कहा कि इससे देश में पूंजीगत सामान का उत्पादन 2025 तक दोगुना करने की नीति को बल मिलेगा। मोबाइल चार्जर में लगने वाले ट्रासंफर, मोबाइल कैमरे के मॉड्यूल पर आयात शुल्क कम किए गए हैं। छाते पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
पेट्रोलियम क्षेत्र में काम आने वाले कुछ महत्वपूर्ण रसायनों और हैवी फीड स्टॉक पर शुल्क में रियायत दी गई है। अप्रत्यक्ष करों में बदलाव से तराशे गए हीरे, मोबाइल चार्जर, मोबाइल, जूते चप्पल, खेती के उपकरण, कपड़ा आदि सस्ते होंगे। छातों और आयातित मशीनों की कीमत बढ़ेगी। गिफ्ट सिटी में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केन्द्र स्थापित करने की घोषणा के साथ ही वहां वित्तीय विश्वविद्यालय बनाने का भी प्रस्ताव किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह बजट महामारी के दौर में ‘विकास का नया विश्वास’ लेकर आया है। उद्योग जगत ने बजट का स्वागत करते हुए कहा कि इससे विकास और आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा। विपक्ष ने बजट को खोखला बताते हुए कहा कि इसमें गरीबों और कमजोर वर्ग के लिए कुछ नहीं है। बजट का शेयर बाजार ने जोरदार स्वागत किया जिससे बाजार में जबरदस्त तेजी रही और सेंसेक्स 850 अंकों से अधिक उछल गया।
बजट में वित्त मंत्री ने उत्तराखंड से लेकर पश्चिम बंगाल तक पांच किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने देश के 75 जिलों के 75 गांव में डिजिटल बैंकिंग की शुरूआत करने, शहरी नियोजन को नया रूप देने तथा इसमें परंपरागत भारतीय तथ्यों के समावेश के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाने का एक प्रस्ताव करते हुये कहा है कि अगले 25 वर्षाें में देश की आधी आबादी नगरों में रह रही होगी और नगर ही आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र होंगे।