अजमेर। राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 810वें सालाना उर्स के मौके पर आज तड़के दरगाह का जन्नती दरवाजा खोल दिया गया। तड़के साढ़े चार बजे जन्नती दरवाजा खुलने से पहले ही अकीदतमंदों की कतार लग गई जो जन्नती दरवाजे से निकल कर मजार में जियारत करने के लिए आतुर रहे।
सालाना उर्स पर छह दिनों के लिए खुलने वाले दरवाजे का धार्मिक महत्व है, यही कारण है कि मुसलमानों की गहरी आस्था है। आज चांद रात है, रजब माह का चांद दिखाई देने पर जन्नती दरवाजा खुला रहेगा और उर्स की धार्मिक रस्में शुरू हो जाएगी।
चांद नजर नहीं आया तो आज रात ही आस्ताने के साथ ही जन्नती दरवाजा भी बंद कर दिया जाएगा और कल सुबह तड़के फिर खोलने की धार्मिक परम्परा निभाई जाएगी। मान्यता है कि जन्नती दरवाज से प्रवेश कर जियारत करने पर जन्नत नसीब होती है। जो अकीदतमंद इसमें असफल रहते हैं, वे इसको चूम कर सब्र करते है।
उधर, दिल्ली महरौली दरगाह शरीफ से बारह दिन पूर्व झण्डे व निशाना लेकर रवाना हुआ पांच सौ से ज्यादा कलन्दरों का जत्था भी सुबह अजमेर पहुंच गया। रास्ते भर ख्वाजा गरीब नवाज की शान में जयघोष करते हुए ये लोग उर्स का संदेश देते अजमेर पहुंच। दिन भर विश्राम कर आज शाम गाजेबाजे, करतब दिखाते, जुलूस के रूप में दरगाह शरीफ पहुंच कर निशान पेश करेंगे। दरगाह कमेटी व खादिम समुदाय इनकी अगवानी करेगा।
दिनेश कार्तिक:अनुभवी बल्लेबाज़ कार्तिक एक सफल फ़िनिशर रहे हैं और उन्होंने आईपीएल ख़िताब जीतने वाली फ़्रैंचाइज़ी की कप्तानी भी की है। नीलामी में हमेशा से ही उनपर बड़ी बोलियां लगी है। 2014 में उन्हें साढ़े 12 करोड़ में ख़रीदा गया था, एक साल बाद साढ़े 10 करोड़ में और फिर 2018 में टीम ने उनपर 7 करोड़ 40 लाख रुपए ख़र्च किए। किशन की तरह कार्तिक भी किसी भी स्थान पर बल्लेबाज़ी कर सकते हैं लेकिन हालिया सीज़नों में उन्होंने केकेआर के लिए फ़िनिशर की भूमिका निभाई है।
2018 के बाद से अंतिम ओवरों (17-20) में कार्तिक ने 184.01 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। इन दौरान 200 से अधिक रन बनाने वाले सभी भारतीय खिलाड़ियों में केवल विराट कोहली, राहुल, पंत, हार्दिक पंड्या, सैमसन और धोनी ने तेज़ी से रन बनाए हैं और वह सभी खिलाड़ी रिटेन हुए हैं।
दबाव से निपटने का अनुभव, विकेट के पीछे से मैच को पढ़ना और नेतृत्व की क़ाबिलियत के कारण फिर एक बार कार्तिक पर टीमें बड़ा निवेश कर सकती हैं। उनकी आयु भले ही 36 वर्ष की है, धोनी और ब्रावो पहले ही साबित कर चुके हैं कि अनुभव बहुत क़ीमती चीज़ होती है।
जॉनी बेयरस्टो:बेयरस्टो उन चुनिंदा विदेशी बल्लेबाज़ों में से एक हैं जिन्होंने आईपीएल में सीज़न दर सीज़न अच्छा प्रदर्शन किया है। सनराइज़र्स ने उन्हें 2019 में 2 करोड़ 20 लाख में अपनी टीम में शामिल किया और उन्होंने डेविड वॉर्नर के साथ एक बेहतरीन सलामी जोड़ी बनाई।
सनराइज़र्स के साथ तीन सीज़न में बेयरस्टो ने 41.52 के औसत और 142.19 के स्ट्राइक रेट से तीन सीज़न में 1038 रन बनाए। बेयरस्टो उन विदेशी बल्लेबाज़ों में से एक हैं जो पेस और स्पिन, दोनों के ख़िलाफ़ सहज हैं। साथ ही वह एक तगड़े फ़ील्डर हैं और एक विशेषज्ञ बल्लेबाज़ के रूप में किसी भी टीम में खेल सकते हैं।
निकोलस पूरन:2019 के बाद से पूरन ने टी20 क्रिकेट में 198 छक्के लगाए हैं जो इस अवधि में किसी भी बल्लेबाज़ के लिए तीसरे सबसे अधिक हैं। इनमें आईपीएल 2020 में लगाए गए 25 छक्के भी शामिल है। साथ ही 2019 के बाद से आईपीएल में पूरन का स्ट्राइक रेट 154.98 का रहा है।
न केवल वह एक ताबड़तोड़ हिटर हैं बल्कि शीर्ष क्रम के साथ-साथ मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी करने में सक्षम हैं। 26 वर्षीय पूरन लंबे समय तक टीम की सेवा कर सकते हैं और सीमित ओवर क्रिकेट में वेस्टइंडीज़ के उपकप्तान होने के कारण टीमें उन्हें एक नेतृत्व विकल्प के रूप में भी देखेगी।
श्रीकर भरत:जिस क्षण उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ अपनी टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू को जीत दिलाने के लिए अंतिम गेंद पर आवेश ख़ान को छक्का लगाया, भरत को पता चल गया था कि यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा। तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए भरत की उस पारी ने कप्तान कोहली का दिल जीत लिया था।
अपने शुरुआती टी20 करियर में पारी की शुरुआत करने वाले भरत अब किसी भी स्थान पर बल्लेबाज़ी करने के क़ाबिल हैं। पिछले साल दिसंबर में वह पृथ्वी शॉ के बाद विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में लगातार मैचों में 150 से अधिक रन बनाने वाले केवल दूसरे बल्लेबाज़ बने। 28 वर्षीय भरत एक आकर्षक विकल्प हैं क्योंकि टीमें हमेशा एक भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज़ को तरजीह देती हैं ताकि उन्हें टीम संतुलन में मदद मिले।