इस्लामाबाद। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने बलूचिस्तान में दो अलग-अलग हमलों के दौरान लगभग 170 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है।
बीएलए ने कहा कि उसने बुधवार को पंजगुर इलाके के फ्रंटियर कोर कैंप को निशाना बनाया, जो अब भी उसके नियंत्रण में है। बीएलए ने कहा कि मजीद ब्रिगेड के फिदायीनों ने पंजगुर में आर्मी कैंप को निशाना बनाया और इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। दुश्मन का शिविर अभी भी फिदायीनों के नियंत्रण में है।
इस दौरान बीएलए ने दावा किया कि उसके लड़ाकूओं ने पाकिस्तानी सेना के 70 सैनिकों को मार गिराया। बीएलए ने पाकिस्तानी सेना पर पंजगुर के नागरिकों के अपहरण और हत्या का भी आरोप लगाया।
इससे पहले मजीद ब्रिगेड की एक अन्य इकाई ने 20 घंटे तक नुश्की में सैन्य मुख्यालय को निशाना बनाया और कब्जा कर लिया, जिसमें अधिकारियों सहित लगभग 100 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई। बयान में कहा गया कि मिशन को मजीद ब्रिगेड के नौ फिदायीनों ने अंजाम दिया।
वहीं, इस संबंध में पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने गुरुवार को कहा कि बलूचिस्तान के पंजगुर और नौशकी इलाकों में फ्रंटियर कॉर्प्स के ठिकानों पर दोहरे आतंकवादी हमलों में सात सैनिकों की मौत हो गई है और 13 विद्रोही भी मारे गए हैं।
पता चला है कि बलोच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों के इस हमले में पाकिस्तान की फ्रंटियर कोर के आईजी मेजर जनरल अयमान बिलाल सफदर की भी जान गई है। साफ है कि बलोच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान की सेना के साथ अपने संघर्ष को और बढ़ा दिया है।
बलूचिस्तान में रहने वाले लोग एक लंबे अर्से से पाकिस्तान से आजादी की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने अनेक मंचों से लगातार आरोप लगाए हैं कि पाकिस्तान सरकार उनका शोषण और उत्पीड़न कर रही है। लोगों को रातोंरात ‘गायब’ कर दिया जाता है। न कोई रिपोर्ट लिखी जाती है, न कोई सुनवाई होती है। कितने ही बलोच युवा सालों से गायब हैं या दूसरे देशों में शरण लिए हुए हैं। सरकार के विरुद्ध आवाज उठाने वालों पर पाकिस्तान की सेना अत्याचार करती है। उनकी हत्या हो जाती है।
इस बीच हमलों के बाद पाकिस्तान के सैनिकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहां गृहयुद्ध जैसी परिस्थितियां बन चुकी हैं। उधर पाकिस्तान के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने इस हमले में बलोच लिबरेशन आर्मी को भी काफी नुकसान होने की बात की है। उन्होंने उन्हें आतंकवादी बताया है। यहां बता दें कि पाकिस्तान की ओर से इन हमलों में कुल सात सैनिकों के मारे जाने की बात की गई है।
उल्लेखनीय है कि बलूचिस्तान के निवासी दुनिया के तमाम मंचों से आजादी की मांग उठाते आ रहे हैं। वे पाकिस्तान के आततायी शासन तले नहीं रहना चाहते। उनका यह भी कहना है कि पाकिस्तान के हुक्मरानों ने बलूचिस्तान पर जबरन कब्जा किया हुआ है। बलूचिस्तान के अधिकांश नेताओं का कहना है कि पाकिस्तानी सैनिक बलोच लोगों पर अत्याचार करते हैं। उनकी मांग है कि बलूचिस्तान को एक आजाद देश घोषित किया जाए।