श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में केसरीसिंहपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में अपनी नाबालिग भतीजी से दुष्कर्म करने के आरोपी चाचा को आज पोक्सो न्यायालय के न्यायाधीश ने 10 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई।
विशिष्ट लोक अभियोजक नवप्रीतकौर संधू ने बताया कि 20 नवंबर 2018 को केसरीसिंहपुर थाना में पीड़ित बालिका के पिता द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर युवक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
करीब 17 वर्षीय युवक पर आरोप लगाया गया कि उसने 19 नवंबर की शाम को अपनी नाबालिग भतीजी से जबरन दुष्कर्म किया। पीड़ित बालिका सरकारी स्कूल में पांचवी कक्षा में पढ़ती थी। स्कूल से घर आने के बाद वह झाड़ू लगा रही थी। तभी चाचा घर पर आया और कमरे में ले गया, जहां जबरन दुष्कर्म किया।
बालिका के माता-पिता खेत में काम करने के बाद शाम करीब छह बजे घर आए तो आठ वर्षीय दूसरी बेटी ने बताया कि कुछ देर पहले चाचा ने घर आकर बड़ी बहन से गलत हरकत की है। पूछने पर पीड़ित बालिका काफी डर और सहम गई। परिवार जनों के दिलासा देने पर उसने सारी बात बताई। घटना के समय आरोपी युवक 17 वर्ष 4 महीने का था।
न्यायालय ने अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाह और 18 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। विद्वान न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें तर्क वितर्क सुनने के बाद आज निर्णय देते हुए आरोपी युवक को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा और 10 हजार का अर्थदंड लगाया। अर्थदंड अदा नहीं करने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 450 के तहत 5 वर्ष कठोर कारावास की सजा और 5 हजार का अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।