जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की रीट प्रकरण की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग बेरोजगारों को नौकरी से वंचित करने का षडयंत्र हैं।
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब देते हुए गहलोत ने कहा कि भाजपा पार्टी के पास तीन वर्ष तक कोई मुद्दा नहीं था लेकिन अब रीट परीक्षा को लेकर गैर मुद्दे को मुद्दा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा आलाकमान के इशारे पर किया जा रहा है जबकि इससे पहले प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया रीट परीक्षा की प्रशंसा कर चुके हैं। लेकिन बाद में वह पीछे हट गए।
उन्होंने कहा कि रीट परीक्षा में 62 हजार युवाओं को नौकरी दिलाने का लक्ष्य है लेकिन भाजपा इसे रोकना चाहती है। गहलोत ने कहा कि रीट को लेकर भाजपा सदस्यों ने सदन में व्यवधान कर रखा है तथा अभिभाषण के दौरान राज्यपाल की बात भी नहीं सुनी।
उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में पेपर लीक होने का मामला राजस्थान में ही नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश, गुजरात और मध्यपदेश में भी सामने आए हैं। लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले आए हैं। देश में जो निराशा का वातावरण हैं उससे परेशान लोग गिरोह बना लेते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार अब तक एक लाख नौकरियां दे चुकी है तथा इतनी ही नौकरिययां देने के लिए प्रक्रिया विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक गांव में अंग्रेजी माध्यम की स्कूल खोले जाएंगे तथा अंग्रेजी शिक्षकों की भर्ती होगी। उन्हेंने कहा कि किसानों के 14 हजार करोड़ के कर्जा माफ किए गए है तथा केन्द्रीयकृत बैंकों के कर्जें माफ करने के लिए समझौते पर केन्द्र सरकार को राजी करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इसके लिए तैयार हुई तो किसानों का हिस्सा राज्य सरकार देने के लिए तैयार है।
कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए गहलोत ने दावा कि प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में अपराध घटे हैं और अन्य राज्यों में बढ़े हैं बल्कि राजस्थान में अपराध के मामले 14 प्रतिशत तक घटे हैं। अलवर बालिका के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दुर्घटना के मामले को बलात्कार का नाम दिया गया। इसे सीबीआई को भी सौंप दिया गया हैं। भाजपा सदस्य इस मामले में जांच की कार्यवाही शुरु करा सकते हैं।