सबगुरु न्यूज-सिरोही। सुशासन के बड़े बड़े होर्डिंग्स के बीच अशोक गहलोत सरकार की ‘समरथ का नहीं दोष गोसाई’ स्कीम रईसों का फायदा करवा कर आम राजस्थानियों का उत्पीड़न का कारण बनी हुई है।
आम तौर पर मोदी सरकार पर अडानी अम्बानी की सरकार होने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस की राजस्थान सरकार उस स्तर पर भले कुछ नहीं के कर रही हो लेकिन, स्थानीय रईसों के लिए सामान्य जनता का उत्पीड़न करने की स्कीम अनवरत जारी है।
सम्भवतः पूरे राजस्थान में इस स्कीम से रईसों को फायदा और आम राजस्थानी को लटकाने का अनूठा काम किया होगा। सिरोही शहर में एक ताजा मामला आया है। माउंट आबू में तो कथित रूप से इस स्कीम के लाभार्थी सत्ताधारी दल के ‘दो राजकुमार’ भी हुए बताए जा रहे हैं।
-क्या है ये स्कीम
राजस्थान सरकार की इस स्कीम का कोई नोटिफिकेशन या सर्कुलर जारी नहीं है। जमीनी स्तर पर जो हालात देखने को मिले हैं उसके अनुसार ये स्कीम पूरी तरह से सरकारी मशीनरी और लाभार्थी की अंडरस्टैंडिंग पर चल रही है। लाभार्थी का कैडर देखकर इसमें अंडरस्टैंडिंग के अनुसार ही उसमें परिवर्तन किया जाता है।
इस स्कीम के तहत लाभार्थी होने के लिए प्राथमिकता राजनीतिक, प्रशासनिक और आर्थिक रूप से सक्षम होना जरूरी है। इस पात्रता के साथ राज्य सरकार की मशीनरी एक ही तरह के मामलों में सबल लोगों को लाभ देकर आम राजस्थानी को अटकाने की योजना पर अग्रसर है। इसके तहत मुट्ठी भर पात्र व्यक्ति के लिए सैंकड़ों आम शहरियों और ग्रामीणों के हितों को दरकिनार किया जाता है।
– सिरोही में ये मामला इस स्कीम का हिस्सा
<span;>सबगुरु न्यूज ने जब मुख्य मंत्री के मुख्य सलाहकार की सलाह पर नगर परिषद सिरोही द्वारा अमल नहीं करने की खबर के तथ्य जुटाने का काम शुरू किया तो ये बात सामने आई कि सिरोही जिला मुख्यालय में आबूरोड, शिवगंज और रेवदर रोड पर सड़क के दोनों तरफ के क्षेत्र मास्टर प्लान 2031 में आर वन और आर टू जोन में आता है। यानी कि रिहायशी क्षेत्र में।
इन मार्गों सड़क के दोनों तरफ कई व्यावसायिक निर्माण हो रखे हैं। इनका कन्वर्जन नहीं है। कन्वर्जन बिना निर्माण स्वीकृति भी नहीं हुई होगी। यानी अधिकांश अवैध हैं। नगर परिषद में ऐसी करीब 30 से ज्यादा पत्रावलियां हैं जो इसलिए कन्वर्ट नहीं हो पा रही हैं कि न्यायालय के आदेशानुसार इसके लिए जोनल प्लान स्वीकृत नहीं हो पाया है।
परिषद सूत्रों की मानें तो राज्य स्तरीय कमेटी ने जोनल मास्टर प्लान को तो स्वीकृत नहीं किया, लेकिन ‘समरथ का नहीं दोष गोसाई’ स्कीम के तहत इसी तरह की भूमि पर शहर में ही पेट्रोल पम्प स्थापित करने के लिए भूमि का भू उपयोग खेती से व्यवसायिक के रूप में कर दिया है।
जहां शहर के दर्जनों लोगों की भूमि का इसलिए भू उपयोग परिवर्तन नहीं हो पा रहा है कि वो जमीन सिरोही 2031 के मास्टर प्लान में रिहायशी क्षेत्र में आ रही है। इसके लिए राज्य सरकार को जोनल प्लान बनाना है। जिसे गहलोत सरकार में हावी अफसरशाही कर नहीं रही है। परंतु व्यक्ति विशेष की जमीन का भू उपयोग परिवर्तन राज्य स्तर पर बनी समिति ने कर दिया।
…लगातार…