श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर में एक स्कूली छात्रा से दुष्कर्म करने के आरोप में दो दोस्तों को पोक्सो अदालत के न्यायाधीश ने आज 10-10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई और अर्थदंड लगाया।
विशिष्ट लोक अभियोजक नवप्रीत कौर संधू ने बताया कि पुरानी आबादी के वार्ड नंबर 1 के देवनगर निवासी युवक अंकित बाल्मीकि और मटीली राठान गांव निवासी उसके दोस्त अमनदीपसिंह मजहबी सिख उर्फ दीपा को अपहरण और दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए अदालत द्वारा यह सजा सुनाई गई है।
प्रकरण के अनुसार मूल रूप से बीकानेर की निवासी पीड़ित 15 वर्षीय किशोरी तब पुरानी आबादी के वार्ड नंबर 1 में अपने रिश्तेदार महिला के यहां रहकर दसवीं की पढ़ाई कर रही थी। महिला थाना में 19 जनवरी 2015 को पीड़िता की मां द्वारा दी गई रिपोर्ट पर अंकित, दीपा और एक अन्य युवक के विरुद्ध अपहरण एवं दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।
आरोप के मुताबिक अंकित और दीपा ने उससे तीन बार दुष्कर्म किया। उसकी अश्लील वीडियो भी बना ली। सुबह 5 बजे उसकी पुत्री को इन युवकों ने यह धमकी देकर घर पर छोड़ा कि अगर किसी को कुछ बताया तो उसका वीडियो सार्वजनिक कर देंगे।
मां ने बताया कि 18 जनवरी को उसके पास बीकानेर आई हुई उसकी भांजी वापस श्रीगंगानगर चली गई। उसकी पुत्री ने उसकी भांजी को रात को अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया। भांजी ने उसे इसकी जानकारी दी,जिस पर वह अगले दिन 19 जनवरी को श्रीगंगानगर आई। उसी दिन मां द्वारा दी गई रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
विशिष्ट लोक अभियोजन के अनुसार अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाह और 25 दस्तावेज साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। मामले के अदालत ने विचाराधीन रहने के दौरान अंकित की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली गई थी। आज न्यायाधीश ने सुनाए फैसले में दोनों को दोषी करार दिया।
भारतीय दंड संहिता की धारा 363 में 5-5 वर्ष कठोर कारावास और 5-5 हजार का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर 3-3 माह का कठोर कारावास भुगतना होगा। धारा 363 में सात-सात वर्ष का कठोर कारावास और 5-5 हजार का जुर्माना लगाए गया है। जुर्माना नहीं देने पर 3-3 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।