शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज विधानसभा में 2022-23 के लिए 51 हजार 365 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। गौरतलब है कि ठाकुर के पास वित्त विभाग का प्रभार भी है। यह जयराम सरकार का पांचवा तथा अंतिम बजट है।
इस बजट में मुख्यतः कर्मचारियों, कारोबारियों, युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों समेत अन्य वर्गों के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। उन्होंने सदन में कहा कि प्रदेश की अर्थ व्यवस्वस्था में 8.3 प्रतिशत होने का अनुमान है। इसमें प्रदेश के लिए सस्ती बिजली देने का प्रावधान भी है।
उन्होंने बताया कि इस अवधि में अनुमानों के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां 37 हजार 312 करोड़ है जबकि कुल राजस्व व्यय 37 हजार 34 करोड़ रहने का अनुमान है। 278 करोड़ रुपए का राजस्व सरप्लस अनुमानित है। इसकी प्रकार वर्ष 2022-23 में राजस्व प्राप्तियां 36 हजार 375 करोड रुपए रहने का अनुमान है तथा कुल राजस्व व्यय 40 हजार 278 करोड रुपए अनुमानित है। इस प्रकार कुल राजस्व घाटाा 3 हजार 903 करोड रुपये अनुमानित है। राजकोषीय घाटा 9 हजार 602 करोड रुपए अनुमानित है जो प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद का 4.98 प्रतिशत है।
ठाकुर ने सभी वर्गों को लुभाने के प्रयास किया गया। मजदूरों से लेकर आंगनबाड़ी, आशा वर्कर, चौकीदारों, सिलाई अध्यापिकाओं, मिड डे मील वर्कर, वाटर कैरियर, जल रक्षकों सहित पंचायत प्रतिनिधियों और नगर निगमों तथा नगर परिषदों के प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बजट हर वर्ग को ध्यान में रखकर बनाया गया है जिसमें सामाजिक सुरक्षा और कमजोर वर्ग के उत्थान पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। दिहाड़ी कामगारों से लेकर मानदेय से जुड़े हर वर्ग का 50 रुपए से लेकर 4000 रुपया बढ़ाया गया है। सरकार ने 29 नई योजनाओं को भी शुरू किया है, जो प्रदेश के विकास में मददगार साबित होंगी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन को भी बढ़ाया गया है। इसमें अब 60 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को आय सीमा में छूट देकर पेंशन का प्रावधान करना बजट की सबसे बड़ी उपलब्धि है।