मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राजपत्रित (आईपीएस) अधिकारी रश्मि शुक्ला को पुणे में कथित फोन टैपिंग मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में अंतरिम राहत प्रदान करते हुए 25 मार्च तक दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई।
न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति नितिन बोरकर की पीठ ने कहा कि रश्मि शुक्ला को अगले आदेश तक गिरफ्तार नहीं किया जाए। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि प्राथमिकी शुक्ला के खिलाफ काफी देरी के बाद दर्ज की गई थी।
शुक्ला के वकील महेश जेठमलानी ने अदालत को बताया कि कथित फोन टैपिंग की घटना तीन साल पहले हुई थी। पुणे पुलिस ने प्राथमिकी इस साल 25 फरवरी को केवल उनके खिलाफ दर्ज की थी। इस मामले में अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी।
उन्होंने अदालत को बताया कि रश्मि शुक्ला के अलावा कई अन्य पुलिस अधिकारी कुछ फोन नंबरों टैपिंग करने में शामिल थे, लेकिन प्राथमिकी केवल शुक्ला के खिलाफ दर्ज की गई।