लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने धोखाधड़ी के एक मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद आजम खां की जमानत अर्जी मंगलवार को मंजूर कर ली है।
रामपुर के सांसद आजम खां पिछले दो साल से सीतापुर जेल में निरूद्ध है। उन पर अवैध कब्जा और धोखाधड़ी के कई मामले लंबित हैं। हाइकोर्ट ने धोखाधड़ी के एक मामले में उनकी जमानत मंजूर की है। हालांकि वह जेल से बाहर नहीं आ पायेंगे क्योंकि उनके खिलाफ दो अन्य मामले अभी भी लंबित हैं।
जस्टिस रमेश सिन्हा की एकल बेंच ने सरकारी लेटर पेड और मुहर के दुरूपयोग के एक मामले में सपा नेता की जमानत अर्जी मंजूर की है। बचाव पक्ष की दलील थी कि उनके मुवक्किल लंबे समय से जेल में है और मजिस्ट्रेट कोर्ट में उनके खिलाफ आरोप विचारणीय है।
इसके अलावा यह मामला राजनीति से प्रेरित है। दूसरी ओर अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने जमानत अर्जी मंजूर किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि वादी अल्लामा जामिर नकवी ने एक फरवरी 2019 को हजरतगंज कोतवाली में मामला दर्ज कराया था। हालांकि यह केस 2014 का है मगर तत्कालीन सरकार के प्रभाव के कारण रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी।
गौरतलब है कि सपा के फायरब्रांड नेता आजम खां ने 26 फरवरी 2020 को अदालत में आत्मसमर्पण किया था। उनके साथ पत्नी एवं विधायक तंजीन फातमा, पुत्र अब्दुल्ला आजम भी कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे। अदालत ने तीनो को जेल भेजने का आदेश दिया था। तंजीन फातमा को दस महीने बाद जमानत मिल गई थी जबकि अब्दुल्ला को 23 महीने के लंबे अंतराल के बाद जमानत मिली। आजम अभी भी सीतापुर जेल में हैं।