इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ नेशनल असेंबली में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर समर्थकों सहित छह राजनीतिक दलों से बिना किसी अराजकता के मसले को संवैधानिक तरीके से निपटाने में मदद करने को कहा है। डॉन रविवार को यह रिपोर्ट दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने बार एसोसिएशन की अविश्वास प्रस्ताव को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही है। सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं द्वारा शुक्रवार को सिंध हाउस में तोड़फोड़ के संबंध में रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया।
एक असामान्य बैठक में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल और न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर की दो-न्यायाधीशों वाली पीठ ने सत्तारूढ़ पीटीआई, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल), बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (मेंगल) और अवामी नेशनल पार्टी अपने-अपने महासचिवों के जरिए नोटिस जारी किया है।
न्यायालय ने अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित मुद्दे को संविधान के अनुच्छेद 95 के तहत प्रक्रिया को सुचारू, वैध और शांतिपूर्ण ढंग से पूरा करने में मदद के लिए प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। उन्होंने इसे एक गैर-कानूनी मामला बताते हुए कहा कि यह सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से संबंधित नहीं है।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि राजनीतिक गतिविधियां ‘अराजक’ स्थिति बनाने की बजाय कानून और संविधान के दायरे में की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य संस्थानों धमकाना और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना स्वीकार्य नहीं है।